जेल भेजने की धमकी देने वाला दरोगा खुद पहुंचा सलाखों के पीछे, एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा

MD Khan
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जेल भेजने की धमकी देने वाला दरोगा खुद पहुंचा सलाखों के पीछे, एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ पकड़ा

बरेली: बरेली के बहेड़ी थाना क्षेत्र में एक दरोगा की करतूत ने उसकी ही गिरफ्तारी का कारण बना दिया। पुलिस में दर्ज एक मामले में, बहेड़ी पुलिस चौकी के इंचार्ज दीपचंद पर आरोप है कि उसने एक व्यक्ति से रिश्वत की मांग की थी। इस दरोगा ने एक आरोपित के परिवार के सदस्यों को जेल भेजने की धमकी दी और बदले में 50,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। लेकिन यह मामला तब उलट गया जब पीड़ित ने बिना डर के एंटी करप्शन डिपार्टमेंट में शिकायत दर्ज करवाई, और अंत में वह दरोगा खुद कानून के शिकंजे में फंस गया।

क्या था मामला?

यह मामला बरेली के बहेड़ी थाना क्षेत्र स्थित भुडिया कॉलोनी पुलिस चौकी का है, जहां चौकी इंचार्ज दीपचंद ने एक व्यक्ति, जीशान मलिक से रिश्वत की मांग की। जीशान मलिक के चाचा और भाइयों पर एक मुकदमा दर्ज था, और दरोगा ने इस मामले में निपटारे के लिए 50,000 रुपये की डिमांड रखी। इसके अलावा, उसने यह धमकी भी दी कि अगर पैसे नहीं दिए तो वह जीशान के पूरे परिवार को जेल भेज देगा।

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एंटी करप्शन टीम की कार्रवाई

पीड़ित जीशान मलिक ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ एंटी करप्शन डिपार्टमेंट से मदद मांगी। एंटी करप्शन टीम ने इस मामले को गंभीरता से लिया और एक ट्रैप टीम का गठन किया। शिकायतकर्ता जीशान को चिह्नित 50,000 रुपये रिश्वत के साथ पुलिस चौकी भेजा गया। जैसे ही दरोगा दीपचंद ने रिश्वत की रकम ली, एंटी करप्शन टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।

टीम ने ना सिर्फ रिश्वत की रकम बरामद की, बल्कि दरोगा का मोबाइल फोन, 3,000 रुपये नकद और एक पिस्तौल भी जब्त कर ली। इसके साथ ही, टीम ने चिह्नित नोटों पर केमिकल लगाया था, और दरोगा के हाथ धुलवाने पर रंग का निकलना यह साबित करने के लिए पर्याप्त था कि उसने रिश्वत ली थी।

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कड़ी कार्रवाई की मांग

एंटी करप्शन टीम के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपित दरोगा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 13 (1) (बी) और 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, देवरनिया थाने में भी दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अब इस मामले की जांच जारी है, और अधिकारियों ने इस पर कड़ी कार्रवाई की योजना बनाई है।

जीशान मलिक की शिकायत

शिकायतकर्ता जीशान मलिक ने बताया कि दरोगा दीपचंद ने न सिर्फ रिश्वत मांगी, बल्कि उनके परिवार के सदस्यों को जेल भेजने की धमकी भी दी। जीशान ने कहा, “मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक पुलिस अधिकारी इस तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त होगा, लेकिन जब मैंने इसका विरोध किया और सही रास्ता अपनाया, तो मुझे न्याय मिला।”

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