प्रयागराज: 144 साल बाद लगने वाले महाकुंभ 2025 में यदि आप त्रिवेणी संगम में अमृत स्नान के लिए आ रहे हैं, तो प्रयागराज के इन 9 प्रमुख स्थानों का भ्रमण अवश्य करें. इन धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को देखकर ही आपको समझ आएगा कि क्यों प्रयागराज को ‘तीर्थराज’ कहा जाता है.
प्रयागराज को पवित्र तीर्थस्थलों में से एक माना जाता है. यह शहर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है. हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम से लेकर महाभारत काल और मुगल सम्राट अकबर तक, कई बड़े राजाओं और नेताओं का जुड़ाव इस शहर से रहा है. तीर्थ स्थल होने के साथ-साथ, प्रयागराज पर्यटन के लिहाज़ से भी एक बेहतरीन जगह है. आइए जानते हैं तीर्थराज प्रयागराज के प्रमुख दर्शनीय और धार्मिक स्थलों के बारे में:
1. बड़े हनुमान जी (लेटे हुए) का मंदिर

त्रिवेणी संगम पर स्थित यह मंदिर लगभग 600-700 वर्ष पुराना माना जाता है. मान्यता है कि लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद जब हनुमान जी लौट रहे थे, तब सीता माता के कहने पर उन्होंने संगम के तट पर विश्राम किया था. इसलिए यहाँ लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर बनाया गया. इसे बड़े हनुमान जी, लेटे हनुमान जी, किले वाले हनुमान जी और बंधवा वाले हनुमान जी के नाम से भी जाना जाता है. यहाँ हमेशा श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है.
2. मनकामेश्वर मंदिर

यह मंदिर यमुना नदी के किनारे स्थित है. यहाँ भगवान शिव विराजमान हैं, जो भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी करते हैं. स्कंद पुराण और पद्म पुराण में कामेश्वर पीठ का वर्णन है. माना जाता है कि यहीं पर भगवान शिव ने कामदेव को भस्म किया था. मंदिर के पास स्थित सरस्वती घाट से नदियों और पुल का सुंदर नज़ारा दिखाई देता है.
3. खुसरो बाग

लुकरगंज में स्थित खुसरो बाग इलाहाबाद के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है. यह ऐतिहासिक स्थल मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है. जहांगीर के पुत्र खुसरो को यहाँ कैद रखा गया था.
4. चंद्रशेखर आजाद पार्क

133 एकड़ में फैला यह पार्क शहर के सिविल लाइंस क्षेत्र में स्थित है. यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है. 1931 में यहीं पर क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद शहीद हुए थे. इसलिए इसे शहीद पार्क के नाम से भी जाना जाता है. यहाँ चंद्रशेखर आजाद की प्रतिमा, विक्टोरिया मेमोरियल, इलाहाबाद संग्रहालय और राजकीय लोक पुस्तकालय स्थित हैं.
5. आनंद भवन

आनंद भवन इलाहाबाद का एक ऐतिहासिक भवन और संग्रहालय है. इसका निर्माण मोतीलाल नेहरू ने 1930 में कराया था. यह भवन नेहरू परिवार का निवास स्थान था. अब इसे संग्रहालय में बदल दिया गया है, जहाँ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी कई कलाकृतियाँ और वस्तुएँ प्रदर्शित हैं.
6. श्री अखिलेश्वर महादेव

रसूलाबाद के पास तेलियरगंज में स्थित यह मंदिर गुलाबी पत्थर और सफेद संगमरमर से बना है. यहाँ भगवान शिव की सुंदर मूर्ति और शिवलिंग स्थापित हैं. शाम के समय मंदिर की दीवारों पर रोशनी का नज़ारा बेहद आकर्षक होता है.
7. इलाहाबाद का किला

त्रिवेणी संगम पर स्थित इस किले का निर्माण मुगल बादशाह अकबर ने 1583 में कराया था. यह किला अपनी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है.
8. भारद्वाज पार्क

बालसन चौराहे पर स्थित इस पार्क का उल्लेख पुराणों में भी मिलता है. मान्यता है कि वनवास के दौरान भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने यहाँ महर्षि भरद्वाज के आश्रम में आशीर्वाद लिया था.
9. न्यू यमुना ब्रिज

इसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ब्रिज और नैनी ब्रिज के नाम से भी जाना जाता है. यह भारत के सबसे लंबे केबल पुलों में से एक है और यमुना नदी पर नैनी को प्रयागराज से जोड़ता है. शाम के समय यहाँ से सूर्यास्त का नज़ारा बहुत सुंदर होता है.
