अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला पर्व है गुरु पूर्णिमा- ज्योतिषाचार्य पंडित राहुल भारद्वाज

Sumit Garg
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ज्योतिष- शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानी 21 जुलाई को गुरु पूर्णिमा मनाई जाएगी। इस दिन महाभारत के रचयिता महान ऋषि वेद व्यास का जन्म हुआ था। इसलिए व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन धनु राशि में चंद्रमा होने से पूजा के महत्व को और बढ़ा रहा है। पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई शनिवार की शाम 5:59 बजे से प्रारंभ होकर अगले दिन रविवार दोपहर 3:46 बजे तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि को देखते हुए गुरु पूर्णिमा का पर्व 21 जुलाई को मनाया जाएगा।

ज्योतिर्विद राहुल भारद्वाज ने बताया कि इस बार गुरु पूर्णिमा विशेष संयोगों में मनाई जा रही है। सुबह 5:37 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारंभ होगा जो कि मध्य रात 12:14 बजे तक रहेगा। इसके साथ ही

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उत्तराषाढ़ा नक्षत्र प्रातः काल से लेकर मध्य रात 12:14 बजे तक रहेगा। श्रवण नक्षत्र और प्रीति योग का निर्माण भी इस दिन हो रहा है। इसके अलावा विष्कुंभ योग प्रातः काल से रात्रि 9:11 तक रहेगा। इस दिन धनु राशि में चंद्रमा होने से पूजा के महत्व को और बढ़ा रहा है। शास्त्रों के अनुसार जो लोग पूर्णिमा का व्रत रखते हैं।

वह व्रत चंद्रोदय व्यापिनी पूर्णिमा तिथि को ही रखा जाता है। इसलिए 20 जुलाई को पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। गुरु पूर्णिमा के दिन व्यक्ति को प्रातः स्नान के बाद गुरु के पास जाकर विधि विधान से गुरु चरणों की पूजा करनी चाहिए। अगर किसी कारण से आप उनसे मिल नहीं सकते हैं तो उनके छायाचित्र की धूप, दीप, चंदन और तिलक करके पूजा कर सकते हैं।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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