आगरा । दीपावली यानी रोशनी के साथ नये सामान से घर को सजाने का त्योहार, दीपावली यानी नव उर्जा संग, नव उत्साह का त्योहार। हर किसी की इच्छा दीपावली ऐसी आए जो संग अपने खुशहाली लाए। मां लक्ष्मी की अनंत कृपा बरसाये। लेकिन जाने अनजाने दीपावली में हम खुद ही कुछ ऐसा कर बैठते हैं जो परिवार के लिए नकारात्मक हो जाता है। विशेषकर बाजार से खरीददारी के उत्साह में कुछ ऐसी चीजें खरीद लाते हैं जो दिपावली पर अशुभ होती हैं। आधुनिक वास्तु एवं एस्ट्रो विशेषज्ञ दीप्ति जैन के अनुसार दीपावली पर कुछ विशेष बातें होती हैं जिन्हें ध्यान में रखकर हम त्योहार की तैयारी करेंगे तो शुभता स्वतः ही घर में आएगी।
बहुत जरूरी है दीपावली पर स्वच्छता
वर्षा ऋतु के पश्चात् हानिकारक कीट- पतंगों की नमी के कारण उत्पत्ति हो जाती है। इन जींवो से अपने वातावरण को शुद्ध करने हेतु हम साफ- सफाई करते हैं। जहां भी स्वच्छ वातावरण होता है वहां सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होना प्रारंभ हो जाता है। कहते हैं जहां स्वच्छता होती वहां लक्ष्मी का वास होता है।
नई सजावटी वस्तुएं लाते वक्त रखें ध्यान
हर वस्तुओं की अपनी ऊर्जा शक्ति होती है। हर पदार्थ का अपना अध्यात्मिक गुण होता है। इस दिवाली प्लास्टिक व चाइनीज वस्तुओं से बचें। प्लास्टिक से राहु दोष होता है, जितना प्लास्टिक हम अपने घर में लायेंगे उतना राहु दोष उत्पन्न होगा। स्टील व लोहे से बनी वस्तुएं शनि दोष लाती हैं। इस धनतेरस मिट्टी, सोना, चांदी, तांबा व पीतल से बनी वस्तुएं घर लाएं।
मिट्टी के बर्तन करते हैं बुद्ध शुद्ध
घर में मिट्टी के बर्तन व मूर्तियां लाने से बुध ग्रह शुद्ध होता है। बुध ग्रह शुद्ध होने से हमारा बौद्धिक विकास होता है। श्री गणेश देव का आशीष प्राप्त होता है।
चांदी करती है चंद्रमा को शुद्ध
चांदी हमारे चंद्र ग्रह को शुद्ध करती है। हमें शांति व समृद्धि प्रदान करती है। तांबा सूर्यदेव का आशीष साथ लाता है।
तांबा लाता है सूर्य देव की कृपा
तांबे के बने बर्तन घर में लाने से हमारा यश व सम्मान प्रतिष्ठा बढ़ती है।
सोना- पीतल लाता है भगवान विष्णु का आशीष
सोने व पीतल से बनी वस्तुएं व गहने हमें विष्णु देव का आशीष देती हैं। विष्णु देव हमारे पालनहारा हैं।
अनावश्यक वस्तुएं न करें घर में एकत्र
पुराना सामान जो काम का नहीं हो उसे यथासंभव दान कर दें। अनावश्यक वस्तुएं इकट्ठा करना वास्तु दोष उत्पन्न करता है।