हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान शंख का विशेष महत्व होता है। हालांकि, बहुत से लोग शंख के गुणों और इसके सही उपयोग के बारे में अनजान हैं। शंख रखने से न केवल वास्तु दोषों का निवारण होता है, बल्कि यह धन और आरोग्य की भी प्राप्ति कराता है। आइए जानते हैं शंख के महत्व और उसे कैसे उपयोग में लाना चाहिए।
शंख का धार्मिक महत्व
शास्त्रों के अनुसार, शंख का हमेशा से एक खास स्थान रहा है। किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत शंख बजाकर की जाती है। कहा जाता है कि शंख में देवताओं का वास होता है। इसके मध्य में वरुण देव, पृष्ठ भाग में ब्रह्मा जी और अग्र भाग में गंगा और सरस्वती का निवास माना जाता है।
वास्तु दोष से छुटकारा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में शंख रखने से वास्तु दोष समाप्त हो जाता है। यदि आपके घर के किसी कोने में दोष है, तो वहां शंख रखने से उस दोष का प्रभाव कम हो जाता है।
शंख के प्रकार
शंख मुख्यत तीन प्रकार के होते हैं
दक्षिणावृत्ति शंख: यह दाहिने हाथ से पकड़ा जाता है और इसे लक्ष्मी का कारक माना जाता है।
मध्यावृत्ति शंख: इसका मुंह बीच में खुलता है।
वामावृत्ति शंख: इसे बाएं हाथ से पकड़ा जाता है।
दक्षिणावृत्ति शंख को घर में रखने से धन-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
शंख रखने के फायदे
नेगेटिव एनर्जी का निवारण: शंख बजाने के बाद उसके जल का छिड़काव करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
वातावरण की शुद्धि: शंख की ध्वनि से आसपास का वातावरण शुद्ध हो जाता है।
सुख-समृद्धि: देवी लक्ष्मी के पास शंख रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
मनोकामनाओं की पूर्ति: शंख की पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
दुष्ट आत्माओं से सुरक्षा: शंख बजाने से दुष्ट आत्माएं पास नहीं भटकती हैं।
स्वास्थ्य लाभ: शंख बजाने से स्वास्थ्य समस्याएं भी दूर होती हैं।