चंद्रमा, पृथ्वी का सबसे करीबी पड़ोसी, न केवल समुद्रों पर बल्कि हमारे मन और भावनाओं पर भी गहरा प्रभाव डालता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चंद्रमा से बनने वाले कुछ विशेष योग हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। आइए इन योगों के बारे में विस्तार से जानें।
अनफा योग क्या है और इसका प्रभाव?
जब चंद्रमा से पिछले भाव में कोई ग्रह स्थित होता है, तो अनफा योग बनता है। यदि इस भाव में सूर्य भी हो, तो यह योग भंग हो जाता है। अनफा योग के प्रभाव से व्यक्ति को जीवन में सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। व्यक्ति की यात्राएं अधिक होती हैं, और वह अत्यंत व्यवहार कुशल होता है। इस योग से राजनीति में भी सफलता मिलती है।
अनफा योग के लाभ कैसे उठाएं?
- चांदी का कड़ा पहनें।
- घर, विशेषकर शयनकक्ष, को साफ और व्यवस्थित रखें।
- घर में फूल और उनकी सुगंध का उपयोग करें।
सुनफा योग क्या है और इसका प्रभाव?
जब चंद्रमा से दूसरे भाव में कोई ग्रह स्थित होता है, तो सुनफा योग बनता है। यदि इस भाव में सूर्य हो, तो यह योग प्रभावी नहीं रहता। सुनफा योग से व्यक्ति को शिक्षा में सफलता मिलती है, धन की प्राप्ति होती है, और वाणी से सफलता मिलती है। इस योग के प्रभाव से व्यक्ति प्रशासनिक क्षेत्र में भी सफल होता है।
सुनफा योग के लाभ कैसे उठाएं?
- नशे, झूठ बोलने और कर्ज लेने से बचें।
- प्रातःकाल सौंफ और मिसरी का सेवन करें।
- नियमित रूप से भगवद्गीता या रामचरितमानस का पाठ करें।
दुरधरा योग क्या है और इसका प्रभाव?
दुरधरा योग तब बनता है जब चंद्रमा से दूसरे और द्वादश भाव में ग्रह स्थित होते हैं, और इनमें सूर्य नहीं होना चाहिए। इस योग से व्यक्ति जन्म से ही संपन्न और समृद्ध होता है, और जीवन में किसी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। कभी-कभी यह योग व्यक्ति को वैराग्य की ओर भी ले जा सकता है और उसे धर्मात्मा बना सकता है।
दुरधरा योग के लाभ कैसे उठाएं?
- धर्म के मार्ग पर चलें और आचरण को शुद्ध रखें।
- नियमित रूप से हल्की सुगंध का उपयोग करें।
- चांदी के पात्र से दूध और जल का सेवन करें।