नई दिल्ली । शेयर बाजार अगले हफ्ते में करीब 2000 करोड़ रुपये के आईपीओ खुलने वाले हैं। इन आईपीओ में पैसा लगाकर अच्छा रिटर्न पाया जा सकता है। साल के आखिरी महीने में पहले ही 3 आईपीओ खुल चुके हैं और अब इन 2 के बाद दिसंबर 2022 में आए आईपीओ की कुल संख्या 5 हो जाएगी। अगले हफ्ते 3 कंपनियों की बाजार में लिस्टिंग होने वाली हैं।
यह कंपनियां हैं- वाइन मेकर सुला वाइनयार्ड्स फाइनेंशियल सर्विस कंपनी अबांस होल्डिंग्स और प्रीमियम ऑटोमोबाइल रिटेलर लैंडमार्क कार। सुला 22 दिसंबर को लिस्ट होगी जबकि बाकी 2 कंपनियों के शेयर 23 दिसंबर को बाजार में आगाज करेंगे।
इस साल अब तक बाजार ने 36 आईपीओ की ओपनिंग देखी जिसके जरिए कंपनियों ने करीब 62000 करोड़ रुपये जुटाए। इसमें अगले हफ्ते आने वाले और आईपीओ को जोड़ दें तो यह रकम करीब 64000 करोड़ रुपये हो जाएगी। इस महीने जो 3 आईपीओ आए उनसे कंपनियों ने 1800 करोड़ रुपये जुटाए।
अब इन 2 के बाद यह रकम करीब 3800 करोड़ रुपये हो जाएगी। आइए जानते हैं कि अगले हफ्ते किन 2 कंपनियों के आईपीओ आने वाले हैं। पहला आईपीओ केफिन टेक्नोलॉजी का खुलेगा। इसके लिए निवेशक 19-21 दिसंबर तक बोली लगा सकेंगे। कंपनी आईपीओ के जरिए 1500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है।
इस इश्यू में कोई फ्रेश शेयर नहीं है। यह आईपीओ पूरी तरह ओएफएस यानी ऑफर फोर सेल पर आधारित है। आईपीओ के जरिए कंपनी की प्रमोटर जनरल अटलांटिक सिंगापुर फंड 1500 करोड़ रुपये के शेयर बेचेगी।
आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 347-366 रुपये फिक्स किया गया है। इस इश्यू में खुदरा निवेशकों के लिए केवल 10 फीसदी हिस्सा आरक्षित है। वहीं 75 फीसदी हिस्सा क्वॉलिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए सुरक्षित रखा गया है। बाकी बचे 15 फीसदी शेयर एचएनआई या हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स के लिए हैं।
यह कंपनी भारत में एसेट मैनेजर्स को सर्विस और सॉल्युशन मुहैया कराती है। यह कंपनी इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज मुहैया कराती है। कंपनी 475 करोड़ रुपये का आईपीओ ला रही है। इसमें 175 करोड़ रुपये फ्रेश शेयर हैं जबकि 300 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फोर सेल के तहत जारी किए जाएंगे।
ओएफएस के माध्यम से प्रमोटर सेठिया परिवार के सदस्य अपने शेयर बेचेंगे। कंपनी का कहना है कि 175 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज चुकाने व गाजियाबाद और गोवा में अपने प्लांट्स के विस्तार में किया जाएगा। इसके लिए निवेशक 22 दिसंबर तक बोली लगा सकेंगे।
रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए इसमें 35 फीसदी हिस्सा सुरक्षित है। वहीं 50 फीसदी हिस्सा क्यूआईबी और 15 फीसदी शेयर एचएनएआई के लिए सुरक्षित रखे गए हैं।