अदानी ग्रुप में लगा दुनियाभर के अमीरों का पैसा

Dharmender Singh Malik
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नई दिल्ली । अदानी ग्रुप कुछ समय पहले देश का सबसे बड़ा औद्योगिक घराना बन गया था, जिसका मार्केट कैप सबसे ज्यादा हो गया था। अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी पिछले साल सितंबर में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े रईस बन गए थे। ग्रुप की कंपनियों के शेयर रॉकेट की स्पीड से भाग रहे थे और दुनियाभर के कई अरबपतियों ने बहती गंगा में हाथ धोए थे, लेकिन 24 जनवरी को अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिडेन बर्ग रिसर्च ने अदानी ग्रुप की नींव हिला दी। ग्रुप के शेयरों में सात दिन में 60 फीसदी तक गिरावट आई है।

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अदानी ग्रुप का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर से अधिक गिर चुका है। शेयरों में गिरावट का असर यह हुआ कि मार्केट कैप के हिसाब से भारत पांचवें से छठें नंबर पर खिसक गया है। निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ है। अदानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अदानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में एक साल में 1600 फीसदी से अधिक तेजी आई और दिसंबर में यह पीक पर पहुंच गया था। अदानी ग्रुप की कंपनियों में दुनियाभर के कई अमीरों का निवेश है, लेकिन अदानी ग्रुप की कंपनियों में अचानक शुरू हुई बिकवाली से इन लोगों का निवेश खतरे में पड़ गया है।

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एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें मलेशिया के सबसे अमीर शख्स, शिपिंग इंडस्ट्री से जुड़े एक टायकून और दुनिया के दो सबसे अमीर परिवार शामिल हैं। मलेशिया के सबसे अमीर शख्स और हॉन्ग कॉन्ग में रहने वाले रॉबर्ट कुक अडानी के सबसे पुराने पार्टनर्स में से एक हैं। उनकी कंपनी विल्मर इंटरनेशनल की अदानी विल्मर में आधी हिस्सेदारी है। फॉर्चून ब्रांड से तेल, चीनी और दूसरे प्रॉडक्ट बनाने वाली इस कंपनी की मार्केट वैल्यू 6.7 अरब डॉलर है। इस कंपनी में विल्मर फूड एक्सपर्टाइज देती है, जबकि अदानी ग्रुप लॉजिस्टिक्स का काम संभालता है। हिडेन की रिपोर्ट आने के बाद विल्मर ने इसी हफ्ते कहा था कि वह अदानी ग्रुप को सपोर्ट जारी रखेगी।

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दिग्गज रिटेल कंपनी वॉलमार्ट का भी अदानी ग्रुप की कंपनियों में निवेश है। वॉलमार्ट का मालिकाना हक दुनिया के दूसरे सबसे अमीर वॉल्टन परिवार के पास है। वॉलमार्ट ने कुछ साल पहले भारत की ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट को खरीदा था। 2021 में फ्लिपकार्ट ने अपने सप्लाई चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए अदानी लॉजिस्टिक्स के साथ हाथ मिलाया था। वर्जीनिया की डेटा सेंटर सर्विसेज कंपनी एज कोनेक्स ने भारत में एक गीगावॉट की डेटा सेंटर कैपेसिटी बनाने के लिए अदानी ग्रुप के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाया था।

सीएमए सीजीएम की अधिकांश हिस्सेदारी फ्रांस के रोडोल्फे साडे और उनके परिवार के पास है। अदानी ने हाल में इजरायल के दूसरे सबसे बड़े पोर्ट हाइफा को खरीदा है। इसमें इजरायल का गेडॉट ग्रुप उसका पार्टनर है। इसी तरह अबू धाबी की इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी ने अदानी ग्रुप की कंपनियों में दो अरब डॉलर का निवेश किया है। आईएचसी की मैज्योरिटी हिस्सेदारी रायल ग्रुप के पास है जो शेख तहनून की कंपनी है। वह यूएई के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर और दुनिया के सबसे अमीर परिवार का हिस्सा हैं। हिडेन की रिपोर्ट के आने के बाद आईएचसी ने भरोसा जताया है। साथ ही कंपनी ने अदानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ में में 40 करोड़ डॉलर का निवेश भी किया था। हालांकि, अदानी ग्रुप ने इस एफपीओ को वापस ले लिया है और आईएचसी के पैसे लौटा दिए हैं।

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