86% बैंकिंग फ्रॉड पूंजीपतियों ने किए, 2022 तक 10 लाख करोड़ से ज्यादा एनपीए

Dharmender Singh Malik
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नई दिल्ली । आरबीआई के द्वारा समय-समय पर जारी आंकड़ों ने यह सिद्ध कर दिया है कि भारत में बड़े पूंजीपति देश के बैंकों को चूना लगा रहे हैं। पिछले 4 साल के आंकड़े बताते हैं कि बैंकों में लगभग 6 लाख करोड़ के फ्रॉड हुए हैं, इनमें से 85% फ्रॉड 50 करोड़ से अधिक के हैं। यानी बैंक की राशि हड़पने वाले छोटे लोग नहीं बल्कि बड़े पूंजीपति हैं जो बैंक और अधिकारियों के साथ सांठ-गांठ करके करोड़ों रुपए का फ्रॉड कर रहे हैं। यह राशि केंद्रीय बजट का 20 से 22% है जो पिछले 4 साल में अधिकारियो, राजनेताओं और पूंजीपतियों की मिलीभगत से हड़प ली गई है।

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भाजपा मनमोहन सरकार पर पूजीपतियों को लोन देने और विदेश भागने का मौका देने का आरोप लगाती रही है लेकिन यहां तो देश में ही 6 लाख करोड़ रुपए हड़प लिए गए हैं। इतना ही नहीं बल्कि 2017 से लेकर 2022 के बीच बैंकों का एनपीए बढ़कर 10 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यानी बैंकों ने यह राशि डूबत खातों में डाल दी है और हर साल यह बढ़ता जा रहा है। 2018 -19 में 2.36 लाख करोड़ रुपए डूबत खाते में डाले गए। यह वह समय था जब नोट बंदी के बाद अर्थव्यवस्था कराह रही थी। लेकिन पूजीपतियों ने देश के पैसे को डुबोने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मोदी के कार्यकाल में जितना पैसा फ्रॉड में और बैंक के द्वारा एनपीए में डाला गया है। वह मनमोहन के कार्यकाल के मुकाबले कई गुना ज्यादा है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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