नई दिल्ली। देश में बैंकों की ब्रांच की संख्या में इजाफा हो गया है लेकिन इनके कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है। पिछले 10 सालों में बैंकों की ब्रांच में एक चौथाई की बढ़ोतरी देखी गई है लेकिन इनमें कर्मचारियों की संखा में 30 प्रतिशत तक की कमी देखी गई है। इसकी मुख्य बजह यह बताई जा रही है कि बैंकों में जो कर्मचारी रिटायर्ड हो रहे हैं, उनके स्थान पर सरकार नए कर्मचारियों की भर्ती नहीं कर रही है।
यही कारण है कि देश में बैंकों की ब्रांच बढ़ने के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2010 और 2021 के बीच क्लर्क जैसे स्टाफ घटे जबकि अधिकारियों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। बैंकों मे 2005 में क्लर्क और अन्य कर्मचारियों की कुल संख्या 63 प्रतिशत थी। वर्ष 2010 तक घटकर 55 प्रतिशत और 2021 तक 30 प्रतिशत रह गई है
। ये बैंकिंग इंडस्ट्री का आंकड़ा है लेकिन ज्यादातर बैंकिंग सर्विसज डिजिटल होने के चलते सरकारी बैंकों में यह गिरावट तेज हो रही है। दिलचस्प बात यह है कि 2015 में वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों से कहा था कि वे कई वरिष्ठ अधिकारियों के जल्द रिटायर होने को देखते हुए निचले स्तर के कर्मचारियों को योग्यता के आधार पर प्रमोशन देने पर विचार करे।