वित्तीय वर्ष 2023 -24 के लिए आईटीआर जमा करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2024 है। आईटीआर जमा करने की ये अंतिम तिथि उन करदाताओं पर लागू होती है जिनके अकाउंट का ऑडिट जरुरी नहीं हैं। ऐसे में अगर आपने अभी तक अपना आईटीआर जमा नहीं किया है तो जल्द से जल्द अपना आईटीआर फाइल कर दें नहीं तो आपको कई वित्तीय परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
इस वर्ष इनकम टैक्स पोर्टल पर कुछ दिक्कतें आ रही हैं , इसके चलते अधिकतर लोग मांग कर रहे हैं कि इनकम टैक्स फाइल करने की आखिरी तारीख को 31 जुलाई से आगे बढ़ाना चाहिए। किन्तु सरकार की तरफ से अंतिम तिथि बढ़ाने का कोई एलान अभी तक नहीं हुआ है। आयकर विभाग के अनुसार नई कर व्यवस्था के तहत वर्तमान मूल कर छूट सीमा 3 लाख रुपये है। वहीँ पुरानी कर व्यवस्था के तहत 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय कर देयता से मुक्त है। अतः जिस नागरिक की सालाना इनकम 3 लाख से अधिक है उनके लिए आइटीआर फाइल करना आवश्यक है।
नई कर व्यवस्था 1 अप्रैल 2020 से लागू है और उस वक्त यह ऑप्शनल थी लेकिन 1 अप्रैल 2023 से इसे डिफॉल्ट टैक्स व्यवस्था बना दिया गया है। इसका मतलब यह हुआ किसी भी व्यक्ति की टैक्स लाइबिलिटी नई कर व्यवस्था के तहत ही कैलकुलेट की जाएगी जब तक कि वो अपने आप से पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प नहीं चुनता है । जहां पुरानी कर व्यवस्था में आप कई तरह की टैक्स डिडक्शन और छूट का लाभ उठा सकते हैं, वहीं नई कर व्यवस्था में डिफॉल्ट रूप से आपको 75,000 का टैक्स छूट मिलता है।
5 लाख रुपये से अधिक की कुल आय वाले व्यक्तियों के लिए देर से आईटीआर फाइल करने पर 5000 रुपये का जुर्माना लग सकता है और साथ ही उन्हें इनकम टैक्स के नोटिस का भी सामना करना पड़ सकता है। वहीं 5 लाख रुपये तक कुल आय वाले व्यक्तियों के लिए जुर्माना 1000 रुपये है। और यदि आप और अधिक देर करते हुए 31 दिसंबर 2024 के बाद आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको 10,000 रुपये का जुर्माना देना होगा।
ध्यान रखें यदि आपका कर देय है तो नियत तिथि तक के बाद रिटर्न दाखिल होने तक प्रति माह 1 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज लगेगा। आयकर विभाग के ताजा नियमों के मुताबिक,अगर कोई करदाता समय सीमा तक अपना आईटीआर दाखिल करने में विफल रहता है, तो वह ऑटोमेटिक तरीके से नई टैक्स व्यवस्था के दायरे में आ जाएगा, जिससे उस वित्तीय वर्ष के लिए पुरानी व्यवस्था को चुनने की उनकी क्षमता खत्म हो जाएगी। इसके अतिरिक्त आयकर विभाग द्वारा आयकर रिटर्न में आय को कम दर्शाने के लिए 50 प्रतिशत तक और आय को गलत दर्शाने के लिए 200 प्रतिशत तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। समय पर आईटीआर दाखिल करने पर कुछ नुकसान भविष्य के वर्षों में आगे बढ़ाने के लिए उपलब्ध होते हैं। लेकिन समय पर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर यह विकल्प उपलब्ध नहीं होता है। केवल गृह संपत्ति के नुकसान को ही भविष्य के वर्षों के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। यदि आप आयकर रिटर्न भरते समय किसी प्रकार की छूट ले रहे है तो छूट के प्रमाणपत्र को संभालकर रखने की आवश्यकता है।
इनकम टैक्स दाखिल करने के दौरान आय की सही जानकारी देना चाहिए। इसके अलावा बैंक से मिलने वाले ब्याज, मकान-दुकान से मिलने वाले किराये और शेयर खरीदी-बिक्री की भी जानकारी देना चाहिए। यदि आपने शेयर बाजार या म्युचुअल फंड में निवेश किया है, तो इनकम टैक्स जमा करने के दौरान यह जानकारी देना भी ना भूलें। यदि आप अपनी आय की सही जानकारी नहीं देते, तो आपको इनकम टैक्स की ओर से नोटिस भी मिल सकता है।
इस साल आयकर विभाग ने रिफंड की प्रक्रिया को तेज कर दिया है और अभी तक कई लोगों को इस साल के आयकर रिफंड के पैसे मिल भी गए हैं। आप भी समय पर आयकर रिटर्न दाखिल कर अपना रिफंड समय पर प्राप्त कर सकते है। जिन लोगों ने अभी तक टैक्स रिटर्न फ़ाइल नहीं किया है उन्हें आयकर विभाग द्वारा भी मैसेज करके समय से पहले रिटर्न फ़ाइल करने की सूचना दी जा रही है। अतः आप भी अपना आयकर रिटर्न समय से पहले भरकर अंतिम समय पर होने वाली परेशानियों से भी बच सकते है।
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