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दिल्ली एनसीआर में महसूस किये गए भूकंप के झटके

Dharmender Singh Malik
3 Min Read
  • तीन महीने में तीसरी बार आया है भूकंप
  • दिल्ली एनसीआर में काफी डियर तक आया भूकंप
  • जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड में भी आया भूकंप
  • ये भूकंप कई राज्यों में आया है 

दीपक शर्मा

दिल्ली एनसीआर में अभी अभी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। यह झठके काफी तेज महसूस किए हैं। झटकों को महसूस करते ही लोग घरों से बाहर आ गए।

दिल्ली एनसीआर में अभी अभी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। यह झठके काफी तेज महसूस किए हैं। झटकों को महसूस करते ही लोग घरों से बाहर आ गए। दिल्ली एनसीआर में आया भूकंप झटके इतने तेज कि लोग घरों से निकले बाहर।

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कैसे आता है भूकंप?
भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है और सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है, जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

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भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है।

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लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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