सरकार का बड़ा कदम: टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए एक लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज, वोडाफोन आइडिया को होगा सबसे ज्यादा फायदा

Deepak Sharma
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सरकार का बड़ा कदम: टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए एक लाख करोड़ रुपये का राहत पैकेज, वोडाफोन आइडिया को होगा सबसे ज्यादा फायदा

नई दिल्ली: टेलीकॉम इंडस्ट्री में जियो और एयरटेल के दबदबे को चुनौती देने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाने की योजना बनाई है। सरकार एक एक लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज पर काम कर रही है, जिसका सबसे बड़ा फायदा वोडाफोन आइडिया को हो सकता है। यह राहत पैकेज टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर (एडजस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू) बकाए पर मिलने वाली राहत के रूप में दिया जाएगा। इस योजना से टेलीकॉम इंडस्ट्री को राहत मिलने की उम्मीद है, खासकर उन कंपनियों को जो आर्थिक संकट से गुजर रही हैं।

एजीआर बकाए का मामला

वर्ष 2019 में, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह टेलीकॉम कंपनियों से एजीआर बकाए की वसूली करे। यह बकाया राशि लगभग 1.47 लाख करोड़ रुपये थी, जिसमें से 92,642 करोड़ रुपये लाइनेंस चार्ज और 55,054 करोड़ रुपये स्पेक्ट्रम यूजर चार्ज के रूप में थे। इस आदेश के बाद टेलीकॉम कंपनियां काफी वित्तीय संकट से जूझ रही हैं और उनकी क्षमता पर भारी दबाव बना हुआ है।

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सरकार का राहत पैकेज

सूत्रों के अनुसार, सरकार एजीआर बकाए पर 50% ब्याज छूट देने और जुर्माने को पूरी तरह से माफ करने पर विचार कर रही है। इस कदम से टेलीकॉम कंपनियों को भारी राहत मिल सकती है। विशेषकर वोडाफोन आइडिया को इसका सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है, क्योंकि इस कंपनी पर सबसे अधिक बकाया है।

वोडाफोन आइडिया को मिलेगी सबसे बड़ी राहत

अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो वोडाफोन आइडिया को 52,000 करोड़ रुपये तक की राहत मिल सकती है, जो एजीआर बकाए के रूप में होगी। यह राहत वोडाफोन आइडिया को वित्तीय संकट से उबारने में मददगार साबित हो सकती है और उसकी स्थिति मजबूत हो सकती है।

एयरटेल और अन्य कंपनियों को राहत

भारती एयरटेल, जो देश की सबसे बड़ी लिस्टेड टेलीकॉम कंपनी है, को भी इस प्रस्ताव से राहत मिलेगी। हालांकि एयरटेल की स्थिति वित्तीय तौर पर मजबूत है, लेकिन फिर भी उसे 38,000 करोड़ रुपये तक की राहत मिल सकती है। वहीं, टाटा टेलीसर्विसेज, जिसने रिटेल सर्विसेज बंद कर दी हैं, को 14,000 करोड़ रुपये का फायदा हो सकता है।

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जियो पर नहीं है कोई बकाया

सूत्रों के अनुसार, रिलायंस जियो पर एजीआर बकाया नहीं है, क्योंकि जियो ने अपने सभी बकाए समय पर चुका दिए हैं। हालांकि, सरकार का यह कदम जियो के लिए कोई वित्तीय राहत नहीं लाएगा, लेकिन इसके परिणामस्वरूप जियो के मुकाबले एयरटेल और वोडाफोन आइडिया की प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति बेहतर हो सकती है।

बजट में हो सकता है ऐलान

सूत्रों के अनुसार, इस राहत पैकेज पर हाई लेवल मीटिंग्स चल रही हैं, जिसमें फाइनेंस मिनिस्ट्री, टेलीकॉम डिपार्टमेंट, और कैबिनेट सेकेट्रेट शामिल हैं। सरकार चाहती है कि इस राहत पैकेज का ऐलान आगामी बजट 2025 में हो, जो 1 फरवरी को पेश किया जा सकता है।

टेलीकॉम इंडस्ट्री का दबदबा

जियो के 2016 में लॉन्च होने के बाद से टेलीकॉम इंडस्ट्री में गालाकाट कंपटीशन शुरू हो गया था। इसके बाद से, टेलीकॉम कंपनियों को लगातार घाटे और प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है। जियो की एंट्री के बाद कई कंपनियों ने द्वारका बंद कर दी थी या फिर अपने व्यापार का आकार घटाया था।

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सरकार का यह कदम टेलीकॉम कंपनियों को राहत देने के लिए काफी महत्वपूर्ण हो सकता है। वोडाफोन आइडिया को इससे सबसे ज्यादा फायदा होगा, जबकि एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज को भी राहत मिल सकती है। इस योजना का उद्देश्य टेलीकॉम सेक्टर को पुनर्जीवित करना और जियो और एयरटेल के दबदबे को तोड़ना है। अगर यह योजना सफल होती है तो इससे टेलीकॉम इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी।

 

 

 

 

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