इंडोनेशिया, एक बड़ा और महत्वपूर्ण स्मार्टफोन बाजार, ऐपल के लिए एक गंभीर चुनौती बन गया है। इस देश ने हाल ही में iPhone 16 सीरीज को बैन कर दिया है और संकेत दिए हैं कि अगर ऐपल ने अपनी उत्पादन नीति में बदलाव नहीं किया, तो आने वाला iPhone 17 भी इसी बैन का शिकार हो सकता है। यह घटना ऐपल के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है क्योंकि इंडोनेशिया स्मार्टफोन बाजार में ऐपल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और यहां पर ऐपल को बहुत बड़ी बिक्री का मौका मिलता है। तो आखिर क्या है कारण और क्या है भविष्य में ऐपल के लिए खतरा?
iPhone 16 को बैन करने का कारण
इंडोनेशिया में स्मार्टफोन को बेचने के लिए कुछ कड़े नियम हैं। इनमें एक मुख्य नियम यह है कि स्मार्टफोन के कम से कम 40 प्रतिशत कंपोनेंट्स को लोकली मैन्युफैक्चर किया जाना चाहिए। ऐपल ने इस नियम को नजरअंदाज किया है, जिसके कारण इंडोनेशिया ने iPhone 16 सीरीज को बैन कर दिया है। हालाँकि, ऐपल ने इंडोनेशिया में 1 अरब डॉलर के निवेश का प्रस्ताव दिया था, लेकिन यह प्रस्ताव AirTag प्लांट से संबंधित था, जो स्मार्टफोन के निर्माण में आवश्यक लोकल मैन्युफैक्चरिंग को पूरा नहीं करता।
इंडोनेशिया के इंडस्ट्री मिनिस्टर ने साफ तौर पर कहा है कि अगर ऐपल iPhone 16 को बेचना चाहता है और iPhone 17 को लॉन्च करने का विचार कर रहा है, तो इसके लिए उन्हें लोकल मैन्युफैक्चरिंग के नियमों का पालन करना होगा, वरना इन स्मार्टफोन्स पर बैन जारी रहेगा।
iPhone 17 पर बैन का खतरा
इंडोनेशिया के अधिकारियों ने iPhone 17 के बारे में भी चेतावनी दी है। अगर ऐपल ने अपने उत्पादन मॉडल में बदलाव नहीं किया और भारतीय बाजार में स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग की प्रक्रिया को गंभीरता से नहीं लिया, तो आने वाले iPhone 17 को भी इसी तरह के प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है। इस मुद्दे पर, इंडोनेशिया के इंडस्ट्री मिनिस्टर Agus Gumiwang Kartasasmita ने कहा कि उन्हें ऐपल के 1 अरब डॉलर के निवेश प्रस्ताव में कोई खास नवीनीकरण नहीं दिखा है, जो स्मार्टफोन के लिए जरूरी लोकल मैन्युफैक्चरिंग शर्तों को पूरा कर सके।
स्मार्टफोन कंपनियों के लिए कड़े नियम
यह केवल ऐपल के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य स्मार्टफोन कंपनियों के लिए भी एक चिंता का विषय बन सकता है। इंडोनेशिया ने अपने स्मार्टफोन बाजार में कड़े नियम लागू किए हैं, जिसके तहत न केवल ऐपल, बल्कि Google Pixel जैसे बड़े ब्रांड्स को भी प्रभावित किया है। अक्टूबर 2024 में लागू किए गए इस नियम का असर iPhone 16 और Google Pixel जैसे स्मार्टफोन्स पर पड़ा है।
ऐपल का निवेश प्रस्ताव
इंडोनेशिया में ऐपल ने 1 अरब डॉलर का निवेश करने का प्रस्ताव दिया था, जिसका उद्देश्य वहां AirTag मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी स्थापित करना था। हालांकि, इंडोनेशिया के उद्योग मंत्री ने इस प्रस्ताव को अपर्याप्त बताया और कहा कि इससे स्मार्टफोन के लिए आवश्यक स्थानीय निर्माण की आवश्यकता पूरी नहीं हो सकती है।
iPhone 16 और अन्य स्मार्टफोन पर प्रतिबंध
इंडोनेशिया में स्मार्टफोन के बिक्री पर इन नियमों का असर पहले ही देखा जा चुका है। जहां ऐपल की iPhone 16 सीरीज और Google Pixel के फोन्स को बैन किया गया है, वहीं ऐपल ने इंडोनेशिया में अपनी डेवलपर्स एकेडमी के माध्यम से निवेश करने की कोशिश की है। हालांकि, मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी को लेकर कोई ठोस कदम अभी तक नहीं उठाया गया है।
इंडोनेशिया का महत्व ऐपल के लिए
इंडोनेशिया स्मार्टफोन मार्केट के लिहाज से ऐपल के लिए एक महत्वपूर्ण देश है, जहां लाखों उपभोक्ता हैं। ऐपल ने अपने निवेश प्रस्ताव को बढ़ाकर 1 अरब डॉलर कर दिया था, लेकिन लोकल मैन्युफैक्चरिंग के नियमों का पालन किए बिना वहां स्मार्टफोन्स बेचने में समस्या आ रही है। इसके अलावा, अगर ऐपल अपनी मैन्युफैक्चरिंग रणनीति में बदलाव नहीं करता, तो आने वाले समय में उसकी बिक्री पर गंभीर असर पड़ सकता है।
इंडोनेशिया ने iPhone 16 पर बैन लगाकर ऐपल को एक कड़ा संदेश दिया है। अगर ऐपल ने इस मामले में अपनी नीति में सुधार नहीं किया, तो आने वाले iPhone 17 पर भी बैन की संभावना बढ़ सकती है। यह घटना हमें यह समझाती है कि शैक्षिक और सरकारी नियमों का पालन करना कंपनियों के लिए बेहद जरूरी होता है। स्मार्टफोन निर्माताओं को स्थानीय निर्माण की प्रक्रिया को गंभीरता से अपनाना होगा, ताकि वे ऐसे प्रतिबंधों से बच सकें और अपने उत्पादों को बड़े बाजारों में बेच सकें।