प्रयागराज: बॉलीवुड की चर्चित एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को लेकर एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। ममता कुलकर्णी, जिन्होंने बॉलीवुड की कई सुपरहिट फिल्मों में अपनी अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता, अब एक नए रूप में नजर आ रही हैं। हाल ही में ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ में शिरकत की और संन्यास की दीक्षा ली। इसके बाद किन्नर अखाड़े ने उन्हें महामंडलेश्वर बनाने का ऐलान किया है। ममता अब ‘ममता नंद गिरि’ के नाम से जानी जाएंगी।
संन्यास की दीक्षा और पिंडदान
ममता कुलकर्णी ने महाकुंभ के दौरान संगम तट पर पिंडदान किया और संन्यास की दीक्षा ली। इस अवसर पर किन्नर अखाड़े ने उनके महामंडलेश्वर बनने की घोषणा की। महाकुंभ के इस धार्मिक आयोजन में उन्होंने विशेष रूप से किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की और आशीर्वाद लिया। दोनों के बीच इस दौरान करीब एक घंटे तक चर्चा हुई, जिसमें महामंडलेश्वर बनने के विषय पर विचार-विमर्श किया गया। इसके बाद किन्नर अखाड़ा ने ममता को महामंडलेश्वर की पदवी देने का निर्णय लिया।
महामंडलेश्वर बनने की प्रक्रिया
महामंडलेश्वर बनने के बाद ममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़े के पदाधिकारियों की मौजूदगी में अखिल भारतीय अखाड़े के अध्यक्ष रविंद्र पुरी के पास भेजा गया, जहां उन्होंने पदवी की प्रक्रिया को शुरू किया। इस दौरान ममता कुलकर्णी को पूरे सम्मान के साथ महामंडलेश्वर की पदवी दी गई।
साध्वी के रूप में ममता का नया रूप
महाकुंभ में ममता कुलकर्णी ने साध्वी के रूप में शामिल होकर भगवा वस्त्र धारण किए थे। उनके गले में रुद्राक्ष की दो बड़ी माला और कंधे पर भगवा झोला लटका हुआ था, जो उनके नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक था। वह किन्नर अखाड़े में ही ठहरी हुई हैं और अब उनका जीवन पूरी तरह से धार्मिक और आध्यात्मिक दिशा में अग्रसर हो चुका है।
ममता कुलकर्णी का बॉलीवुड से संन्यास और विदेशी जीवन
ममता कुलकर्णी ने बॉलीवुड के बड़े सितारों जैसे शाहरुख खान और सलमान खान के साथ कई फिल्मों में काम किया था। उनकी फिल्में बड़े पर्दे पर हिट रही थीं और उन्होंने एक समय में अपनी अदाकारी से फैंस के बीच खासी पहचान बनाई। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से ममता कुलकर्णी विदेश में रह रही थीं। हाल ही में वह भारत लौटी हैं और अब धार्मिक क्षेत्र में खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया है।
किन्नर अखाड़े से जुड़ने का फैसला
ममता कुलकर्णी का किन्नर अखाड़े से जुड़ना और महामंडलेश्वर बनने का निर्णय उनके जीवन के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। यह कदम उनके लिए एक बड़ी और महत्वपूर्ण बदलाव है, जो दिखाता है कि वह अब केवल फिल्मों के पर्दे पर ही नहीं, बल्कि समाज और धर्म के क्षेत्र में भी अपनी नई पहचान बनाना चाहती हैं।
ममता कुलकर्णी का यह नया रूप और उनका किन्नर अखाड़े से जुड़ना एक दिलचस्प और प्रेरणादायक मोड़ है। उनका जीवन अब एक नई दिशा में है और यह दिखाता है कि कोई भी व्यक्ति अपने जीवन के किसी भी मोड़ पर बदलाव ला सकता है और अपने कृत्य से समाज में अपनी छाप छोड़ सकता है।