हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती (Mithun Chakraborty) के लिए यह एक खुशी का समय है। उन्हें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का सबसे बड़ा सम्मान, दादा साहेब फाल्के पुरस्कार (Dadasaheb Phalke Award), मिलने जा रहा है। यह खबर यूनियन मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने अपने ट्वीट के माध्यम से साझा की। मिथुन चक्रवर्ती पिछले 50 वर्षों से फिल्मी दुनिया में अपनी छाप छोड़ते आ रहे हैं और इस सम्मान के साथ उनकी अद्वितीय यात्रा का मान बढ़ाया जा रहा है।
मिथुन चक्रवर्ती का करियर
मिथुन चक्रवर्ती का जन्म 16 जून 1950 को कोलकाता में हुआ। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1976 में फिल्म “मृगया” से की, जिसमें उन्होंने घिनुआ का किरदार निभाया। इस भूमिका के लिए उन्हें अपार प्रशंसा मिली और साथ ही पहला राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी। इसके बाद उन्होंने फिल्म “डिस्को डांस” से सफलता का स्वाद चखा और दर्शकों के दिलों में अपनी खास पहचान बना ली। उनकी फिल्में और डांसिंग स्टाइल ने उन्हें एक आइकन बना दिया।
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा, जिसे भारतीय सिनेमा में उनके विशिष्ट योगदान के लिए दिया जा रहा है। अश्विनी वैष्णव के अनुसार, “मिथुन दा की शानदार सिनेमैटिक जर्नी कई पीढ़ियों को प्रेरित करती है।” यह पुरस्कार 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह में 8 अक्टूबर 2024 को दिया जाएगा।
संघर्ष और पहचान
मिथुन चक्रवर्ती का करियर कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है। उनके सांवले रंग के चलते उन्हें शुरुआत में कई फिल्मों से रिजेक्ट किया गया था। लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने अभिनय और डांस के दम पर फिल्म इंडस्ट्री में एक नया मुकाम हासिल किया। आज वे न केवल एक सफल अभिनेता हैं, बल्कि एक प्रेरणा भी हैं।
समापन
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित होने का मौका मिथुन चक्रवर्ती के अद्वितीय सफर को मान्यता देता है। उनकी मेहनत, संघर्ष और प्रतिभा ने उन्हें न केवल एक अभिनेता बल्कि भारतीय सिनेमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बना दिया है। उनके इस सम्मान का सभी को बेसब्री से इंतजार है और यह निश्चित रूप से उनके प्रशंसकों के लिए एक गर्व का क्षण होगा।