भारत में पोर्न फिल्मों का दर्शक वर्ग सबसे बड़ा युवा है, और दुनिया में सबसे अधिक एडल्ट मूवीज यहाँ देखी जाती हैं। यह इंडस्ट्री आमतौर पर पैसे के मामले में समृद्ध मानी जाती है, लेकिन हाल ही में कई आत्महत्याओं ने इस चमकती दुनिया के पीछे छिपे अंधेरे को उजागर किया है।
पैसे की चमक, लेकिन मानसिक तनाव
पॉर्न इंडस्ट्री में काम करने वाले लोग अक्सर आर्थिक तंगी से बचते हैं, लेकिन क्या पैसा ही सब कुछ है? हाल के वर्षों में कई पोर्न स्टार्स ने आत्महत्या की है, जिससे यह सवाल उठता है कि जब इस इंडस्ट्री में इतनी संपत्ति है, तो क्यों ये कलाकार डिप्रेशन का सामना कर रहे हैं?31 वर्षीय डेहलिया स्काई की 30 जून को लॉस एंजेलिस में मौत हो गई। उनकी मौत का कारण आत्महत्या बताया गया। डेहलिया को ब्रेस्ट कैंसर था और वह गंभीर मानसिक तनाव में भी थीं। एक अन्य पोर्न स्टार, डकोटा स्काई, ने भी इसी साल आत्महत्या की, और उनकी दोस्त ने बताया कि उन्हें ऑनलाइन ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ।
इंडस्ट्री की सच्चाई
पॉर्न इंडस्ट्री की वास्तविकता अक्सर उसके बाहरी स्वरूप से भिन्न होती है। कई अभिनेताओं ने बताया है कि यहां काम करने का अनुभव अकेलेपन, निराशा और तनाव से भरा होता है। प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ व्यक्तिगत संबंध भी प्रभावित होते हैं। इस इंडस्ट्री में रहकर लोग आर्थिक संपन्नता तो प्राप्त करते हैं, लेकिन सामाजिक रिश्तों में दरार आ जाती है।
आत्महत्या के मामलों का बढ़ता ग्राफ
7 जुलाई को रशियन पोर्न एक्ट्रेस क्रिस्टीना लिसिन की अचानक मौत ने सबको चौंका दिया। वह पोर्न इंडस्ट्री छोड़ने के बाद भी मानसिक तनाव में थीं। उनके दोस्तों का कहना है कि वह सामाजिक तानों का सामना कर रही थीं, जिससे उनकी मानसिक स्थिति खराब हो गई थी।
भारत में पोर्न इंडस्ट्री के पीछे एक भव्य और भुलावे भरा संसार है, लेकिन इसके भीतर की दुनिया अक्सर दर्द, तनाव और अकेलेपन से भरी होती है। इस उद्योग के भीतर काम करने वाले कलाकारों को मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से गुजरना पड़ता है, और यह महत्वपूर्ण है कि समाज इस पर ध्यान दे। केवल आर्थिक संपन्नता ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है।