नई दिल्ली: टेक्नोलॉजी ने जहां हमारे जीवन को सुगम बनाया है, वहीं इसके दुरुपयोग ने साइबर अपराधों में भी वृद्धि की है। डीपफेक तकनीक के बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए भारत में एक नया डीपफेक डिटेक्शन सिस्टम ‘वास्तव’ विकसित किया गया है। यह सिस्टम AI द्वारा बनाए गए फोटो, वीडियो और ऑडियो की पहचान करने में सक्षम है।
‘वास्तव’ का अनावरण और सम्मान
डिजिटल सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ‘वास्तव’ को लॉन्च किया गया है। CID कर्नाटक द्वारा आयोजित CIDECODE हैकाथॉन इवेंट में इस उन्नत तकनीक वाले डीपफेक डिटेक्शन सिस्टम को सम्मानित किया गया है।
‘वास्तव’ की कार्यप्रणाली
ज़ीरो डिफेन्ड सिक्योरिटी द्वारा निर्मित ‘वास्तव’ कॉन्फिडेंस स्कोर, हीटमैप और मेटाडेटा इनसाइट्स की मदद से डिजिटल कंटेंट की प्रमाणिकता की जांच करता है। जांच के बाद यह विस्तृत रिपोर्ट तैयार करता है।
‘वास्तव’ की विशेषताएं
- 99% सटीकता: यह सिस्टम 99% सटीकता के साथ डीपफेक कंटेंट की पहचान कर सकता है।
- तेज विश्लेषण: यह कुछ ही सेकंड में गहन विश्लेषण कर सकता है।
- फर्जी कंटेंट का हाइलाइट: हीटमैप और कॉन्फिडेंस स्कोर फर्जी कंटेंट को हाइलाइट करते हैं।
उपलब्धता और कीमत
कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सरकारी संस्थाओं को यह सिस्टम मुफ्त में उपलब्ध कराया गया है। आम जनता और निजी कंपनियों को इसका उपयोग करने के लिए सशुल्क सेवा लेनी होगी। सब्सक्रिप्शन विवरण अभी तक जारी नहीं किया गया है।
ज़ीरो डिफेन्ड सिक्योरिटी
यह कंपनी रैनसमवेयर सुरक्षा, DDoS मिटिगेशन, क्लाउड सुरक्षा, पेनेट्रेशन टेस्टिंग (VAPT) और थ्रेट इंटेलिजेंस जैसी सेवाएं प्रदान करती है। यह एथिकल हैकिंग, रेड/ब्लू टीमिंग, OSCP, OSINT, वेब और एंड्रॉयड सिक्योरिटी जैसे प्रशिक्षण भी प्रदान करती है।