एक समय भारतीय मोबाइल बाजार पर राज करने वाली नोकिया अब अपनी रणनीति पूरी तरह बदल चुकी है। मोबाइल हैंडसेट के पुराने दिन भले ही नहीं लौटे हों—माइक्रोसॉफ्ट और फिर एचएमडी (HMD) के प्रयासों के बावजूद—लेकिन अब कंपनी टेलीकम्युनिकेशन्स इक्विपमेंट और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान केंद्रित करके भारत में मजबूत वापसी कर रही है।
कंपनी की कमाई में ग्रोथ दिख रही है और नोकिया को साल 2026 तक मजबूत रेवेन्यू ग्रोथ की उम्मीद है।
5G रोलआउट से होगी बंपर कमाई
मनी कंट्रोल को दिए गए एक इंटरव्यू में नोकिया के इंडिया हेड तरुण छाबड़ा ने बताया कि साल 2026 में कंपनी को अच्छा राजस्व हासिल होगा। इसके पीछे मुख्य कारण भारत में चल रहा 4G और 5G का व्यापक रोलआउट है।
छाबड़ा के अनुसार, तीनों बड़े टेलीकॉम ऑपरेटर्स (Jio, Airtel और Vi) तेजी से ग्रामीण और छोटे शहरों में अपने नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं। डेटा की बढ़ती मांग को पूरा करने और ARPU (एवरेज रेवेन्यू पर यूजर) बढ़ाने के लिए कंपनियां 5G सर्विस पर फोकस कर रही हैं। नोकिया इन कंपनियों को 5G और 4G रेडियो, ऑप्टिकल नेटवर्क, और डेटा सेंटर सॉल्यूशन प्रोवाइड कर रही है।
डिफेंस और प्राइवेट सेक्टर में भी काम जारी
नोकिया केवल पब्लिक टेलीकॉम नेटवर्क पर ही निर्भर नहीं है। छाबड़ा ने आगे बताया कि कंपनी पहले से ही अपने रूटीन प्रोजेक्ट्स और ऑप्टिकल प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है, जो डिफेंस सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर में चल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भविष्य में डिफेंस, रेलवे, पोर्ट, माइनिंग और मैन्युफैक्चरिंग जैसे सेक्टर्स में प्राइवेट नेटवर्क और ऑटोमेशन की डिमांड तेजी से बढ़ने वाली है, जिससे नोकिया की कमाई के अवसर बढ़ेंगे।
भारत में 6G की तैयारी शुरू
भविष्य की कनेक्टिविटी को लेकर भी नोकिया सक्रिय है। तरुण छाबड़ा ने बताया कि नोकिया के बेंगलुरु स्थित कुछ इंजीनियर्स 6G कनेक्टिविटी की दिशा में काम कर रहे हैं। उनका मानना है कि आने वाले दिनों में 6G नेटवर्क देखने को मिलेंगे, जो न सिर्फ बेहतर स्पीड देंगे, बल्कि ऑटोमेशन को भी बेहतर बनाएंगे।
बता दें कि क्वालकॉम के सीईओ क्रिस्टियानो अमोन पहले ही कह चुके हैं कि भारत में 6G सर्विस की शुरुआत साल 2028 में हो सकती है। नोकिया का यह कदम दर्शाता है कि कंपनी भारतीय बाजार में लंबी अवधि की रणनीतिक तैयारी कर रही है।