ब्रिटेन की संसदीय रिपोर्ट में भारत को ‘दमनकारी’ देशों की सूची में डाला, खालिस्तानी समर्थकों का जिक्र

Dharmender Singh Malik
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नई दिल्ली: ब्रिटेन की एक संसदीय समिति द्वारा जारी एक रिपोर्ट ने भारत और ब्रिटेन के संबंधों में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत उन 12 देशों में से एक है जो ब्रिटेन में रहने वाले लोगों को डराने और उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश कर रहे हैं। इस रिपोर्ट में खालिस्तान समर्थक संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस (SFJ)’ का भी जिक्र किया गया है।

रिपोर्ट में क्या कहा गया है?

‘ट्रांसनेशनल रिप्रेशन इन द यूके’ (Transnational Repression in the UK) नामक इस रिपोर्ट को ब्रिटेन की कई पार्टियों के सांसदों वाली एक समिति ने तैयार किया है। यह समिति ब्रिटेन में मानवाधिकार से जुड़े मामलों की जांच करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशी सरकारों की गतिविधियां ब्रिटेन में मानवाधिकारों के लिए खतरा हैं।

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रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि भारत के अलावा चीन, पाकिस्तान, ईरान, मिस्र, रूस, बहरीन, यूएई, सऊदी अरब, तुर्किये, रवांडा और इरिट्रिया जैसे 12 देश ब्रिटेन की धरती पर दमनकारी गतिविधियों में शामिल हैं। इन गतिविधियों से लोगों में डर बढ़ रहा है और उनकी बोलने और घूमने की आज़ादी प्रभावित हो रही है।

खालिस्तान समर्थकों का जिक्र और भारत पर आरोप

रिपोर्ट के साथ पेश किए गए सबूतों में भारत के संदर्भ में सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का उल्लेख है, जिसे भारत सरकार ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत एक प्रतिबंधित संगठन घोषित किया हुआ है।

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रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कुछ देश इंटरपोल के नियमों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मामले में चीन, रूस और तुर्की का नाम सबसे ऊपर है, लेकिन भारत और कुछ अन्य देशों पर भी ऐसे आरोप लगे हैं। समिति ने ब्रिटिश सरकार से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।

इस रिपोर्ट पर फिलहाल भारत की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

 

 

 

 

 

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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