कनाडा/ओटावा – अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा पर दंडात्मक शुल्क लगाने और दोनों देशों के बीच विलय की धमकी देने के बाद, कनाडा के सांसद और वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह ने उन्हें कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि ट्रंप अपनी धमकियों को अमल में लाते हैं तो इसका कनाडा कड़ा जवाब देगा। सिंह ने कनाडा की स्वतंत्रता और संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी ताकत से खड़े होने की बात कही।
“हमारा देश बिक्री के लिए नहीं है”
जगमीत सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए डोनाल्ड ट्रंप को सख्त संदेश दिया। उन्होंने कहा, “हमारा देश सेल (बिक्री) के लिए नहीं है, न अभी, न कभी। कनाडा के लोग अपने देश पर गर्व करते हैं और हम इसके संरक्षण के लिए पूरी ताकत से लड़ने को तैयार हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि कनाडा के नागरिक अपने देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता से समझौता नहीं करेंगे, चाहे कोई भी दबाव हो।
कनाडा की धमकियों से पीछे हटने की नहीं है कोई योजना
वहीं, जगमीत सिंह ने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के पूर्व सहयोगी के तौर पर यह भी कहा कि कनाडा किसी भी तरह की धमकी से पीछे नहीं हटेगा और यदि ट्रंप ने अपनी धमकियों को अमल में लाया तो कनाडा भी जवाबी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “अगर डोनाल्ड ट्रंप को लगता है कि वह हमसे लड़ाई कर सकते हैं, तो उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी।”
ट्रंप ने क्या कहा था?
डोनाल्ड ट्रंप, जो अगले हफ्ते राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं, ने कनाडा से इंपोर्ट होने वाली चीजों पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि ओटावा कनाडा-अमेरिका बॉर्डर पर सुरक्षा उपायों में सुधार करता है, तो वे इस पर पुनर्विचार कर सकते हैं।
इसके अलावा, ट्रंप ने यह भी तर्क दिया था कि यदि कनाडा अमेरिका का हिस्सा बन जाए, तो दोनों देशों के बीच टैरिफ और टैक्स में कमी हो सकती है। हालांकि, कनाडा के शीर्ष अधिकारियों ने इस विचार को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने इस प्रस्ताव को अमेरिकी उपभोक्ताओं पर उच्च टैरिफ के आर्थिक असर से ध्यान भटकाने वाला बताया।
कनाडा और अमेरिका के बीच बढ़ता तनाव
इससे पहले, जब ट्रंप ने कनाडा-अमेरिका संबंधों में कुछ बदलाव की योजना बनाई थी, तो कनाडा के अधिकारियों ने उनकी नीतियों का विरोध किया था। पिछले हफ्ते, जस्टिन ट्रूडो ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कनाडा किसी भी तरह से अमेरिका का 51वां राज्य बनने का विचार नहीं मानता और इस पर आधारित किसी भी बातचीत का विरोध करेगा।
अमेरिका-कनाडा के व्यापार संबंधों में पहले भी तनाव रहे हैं। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में, जब अमेरिका ने कनाडा से आयातित स्टील और एल्युमीनियम पर शुल्क लगाया था, तो ओटावा ने इसके जवाब में अमेरिकी उत्पादों जैसे बोरबॉन, हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल और ताश पर टैरिफ लगाया था।
कनाडा के इतिहास में व्यापारिक जवाबी कदम
कनाडा का इतिहास यह बताता है कि वह हमेशा अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापारिक शुल्कों का जवाब अपने खुद के उपायों से देता आया है। जगमीत सिंह के बयान में साफ है कि यदि डोनाल्ड ट्रंप कनाडा पर 25 प्रतिशत टैरिफ लागू करते हैं, तो ओटावा भी उसी तरह का कदम उठाने में संकोच नहीं करेगा।
कनाडा के सांसद जगमीत सिंह की कड़ी प्रतिक्रिया इस बात का संकेत है कि कनाडा अपनी संप्रभुता और स्वाधीनता की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार की धमकी का जवाब देने के लिए तैयार है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को लेकर बढ़ता तनाव इस बात का उदाहरण है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में ताकतवर देशों के बीच सहयोग और प्रतिस्पर्धा की सीमा कहां तक जा सकती है। कनाडा और अमेरिका के रिश्ते अगले कुछ हफ्तों में काफी महत्वपूर्ण हो सकते हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रंप के प्रशासन और कनाडा के बीच व्यापारिक और राजनीतिक मुद्दों पर क्या प्रतिक्रिया आती है।