कोरोना के नए वे‎रिएंट्स ने बढ़ाई टेंशन, डब्ल्यूएचओ की ‎निगरानी में तीन नए स्ट्रेन

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

जिनेवा। अमे‎रिका में इन ‎दिनों कोरोना के नए वे‎रिएंट्स ने ‎चिंता में डाल ‎दिया है। यहां पर लगातार नए मामले बढ़ते जा रहे हैं। हालां‎कि डब्ल्यूएचओ ने तीन नए स्ट्रेन को अपनी ‎निगरानी में ‎लिया है। बता दें ‎कि दुनियाभर में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस के मामले अभी भी सामने आ रहे हैं। बीते कुछ दिनों में इस वायरस के एक नहीं, बल्कि तीन नए स्ट्रेन सामने आ चुके हैं। ऐसे में सभी के मन में एक ही सवाल उठ रहा है कि नए वेरिएंट के साथ क्या संयुक्त राज्य अमेरिका में कोविड-19 एक नई लहर के रूप में वापस आ रहा है?

See also  विभाजन का अधूरा सच — भारत में रुके मुसलमान, गजवा-ए-हिंद और आज की चुनौती

हाल ही में सामने आए कोरोना के तीन नए स्ट्रेन ईजी.5, एफएल.1.5.1 और बीए.2.86 के मामले तेजी से फैल रहे हैं। ऐसे में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोग एक बार फिर उस वायरस के बारे में सावधान हो गए हैं, जिसने एक महामारी के रूप में दुनिया भर में हजारों लोगों की जान ली थी। कोरोना का ईजी.5 वेरिएंट, जिसे एरिस के नाम से भी जाना जा रहा है, वर्तमान में अमेरिका में इसके मामले सबसे ज्यादा सामने आ रहे हैं।

इसे बारे में 18 अगस्त को, सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) ने अनुमान लगाया कि 20.6 प्र‎‎तिशत नए संक्रमण के मामलों के लिए ईजी.5 जिम्मेदार था। वहीं, एफएल.1.5.1 वेरिएंट अमेरिका में सबसे प्रमुख स्ट्रेन के रूप में दूसरे स्थान पर है। सीडीसी के अनुसार, यह देश में 13.3 प्र‎‎तिशित नए संक्रमणों के लिए जिम्मेदार है। विशेष रूप से, ईजी.5 और एफएल.1.5.1 दोनों एक्सबीबी वेरिएंट के सबवेरिएंट हैं। एफ456एल नामक म्यूटेशन के कारण, ये अन्य वायरस वेरिएंट की तुलना में ज्यादा फैलते हैं।

See also  अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप का दूसरा कार्यकाल शुरू, राष्ट्रपति पद की शपथ ली, जे.डी. वेंस बने उपराष्ट्रपति

वहीं बीए.2.86 वेरिएंट की बात करें तो वर्तमान में वह छोटे पैमाने पर नए संक्रमण का कारण बन रहा है। हालांकि, बड़ी संख्या में म्यूटेशन के कारण यह अत्यधिक जोखिम भरा वेरिएंट बन सकता है। ऐसे में ईजी.5 और बीए.2.86 के बीच अंतर जानने के लिए हमने नोएडा के मेट्रो हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसीन के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. सैबल चक्रवर्ती से बात की।

डॉक्टर ने बताया कि साल 2019 के बाद से को‎विड-19 में कई म्यूटेशन हुए हैं। एरिस और बीए.2.86, दोनों एक्सबीबी के सबवेरिएंट हैं। ये दोनों वैरिएंट वर्तमान में डब्ल्यूएचओ की निगरानी में हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, चीन और अन्य देशों में मामलों में बढ़ रहे कोरोना के मामलों के लिए जिम्मेदार हैं।

See also  शुभांशु शुक्ला का Axiom मिशन फिर टला, 22 जून की लॉन्चिंग स्थगित; जानें क्या है वजह
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement