हिंडनबर्ग रिसर्च का समापन: भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप, बीजेपी ने कांग्रेस पर किया हमला

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हिंडनबर्ग रिसर्च का समापन: भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप, बीजेपी ने कांग्रेस पर किया हमला

नई दिल्ली: अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Research), जिसने अदाणी समूह सहित कई भारतीय व्यावसायिक संस्थाओं को निशाना बनाकर विवाद खड़ा किया था, अब बंद होने जा रही है। हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नैट एंडरसन ने खुद इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने इस कंपनी को बंद करने का निर्णय लिया है। इस घोषणा के बाद, भारतीय राजनीति में भी हलचल मच गई है, खासकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया है।

हिंडनबर्ग रिसर्च का समापन और नैट एंडरसन का बयान

हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नैट एंडरसन ने अपनी वेबसाइट पर एक नोट जारी कर बताया कि उन्होंने हिंडनबर्ग रिसर्च को बंद करने का निर्णय लिया है। हालांकि, उन्होंने इस फैसले के पीछे के कारणों को स्पष्ट नहीं किया, लेकिन यह घोषणा बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट्स ने भारतीय शेयर बाजार में हलचल मचाई थी।

कंपनी ने कई भारतीय कंपनियों, विशेष रूप से अदाणी समूह को अपने निशाने पर लिया था और दावा किया था कि इन कंपनियों में गड़बड़ी और धोखाधड़ी हो रही है। इसके बाद अदाणी समूह और भारतीय निवेशकों के लिए मुश्किलें बढ़ गई थीं। हालांकि, हिंडनबर्ग द्वारा की गई रिपोर्टों को भारत में कई लोगों ने आलोचना की थी और इसे भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश माना था।

बीजेपी का कांग्रेस पर हमला

हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने की खबर के बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला किया है। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस उन ताकतों का समर्थन करती है जो भारत के खिलाफ झूठ फैलाने का काम करते हैं। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि हिंडनबर्ग ने अपनी दुकान बंद कर दी है, लेकिन एक बात तो स्पष्ट है कि हिंडनबर्ग का उद्देश्य भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करना था। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल और उनके इकोसिस्टम ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को सच मानकर इसे गोस्पेल की तरह अपनाया और भारत की अर्थव्यवस्था के खिलाफ झूठे आरोप लगाए।

शहजाद पूनावाला ने कहा, “हिंडनबर्ग रिसर्च को एक टारगेट सुपारी मिली थी, जिसके तहत उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने लाखों करोड़ों रुपये के निवेशकों का नुकसान किया और इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को आर्थिक अराजकता की ओर धकेलने की कोशिश की गई।”

सुप्रीम कोर्ट का रुख और कांग्रेस का समर्थन

पूनावाला ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और इस पर जांच की आवश्यकता जताई थी। इसके बावजूद, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने हिंडनबर्ग के आरोपों का समर्थन किया और भारतीय स्टेट और अर्थव्यवस्था के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए झूठे आरोपों को हवा दी और इससे भारतीय निवेशकों के बीच घबराहट फैल गई, जिससे भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा।

क्या था हिंडनबर्ग रिपोर्ट का असर?

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने भारतीय शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव पैदा किया। अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर मूल्य में गिरावट आई, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान हुआ। रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि अदाणी समूह ने अपने वित्तीय मामलों को छिपाया और बाजार में धोखाधड़ी की। इस रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह ने इन आरोपों का सख्ती से खंडन किया था और इसे झूठा बताया था।

हिंडनबर्ग पर जांच जारी

पूनावाला ने यह भी कहा कि हिंडनबर्ग पर अमेरिका में भी जांच चल रही है और यह स्पष्ट हो चुका है कि यह कंपनी अपने लाभ के लिए भारत के खिलाफ झूठी रिपोर्टिंग कर रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी का हिंडनबर्ग का समर्थन करना भारतीय लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था के खिलाफ था।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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