भारतीय-अमेरिकी कंप्यूटर इंजीनियर अशोक वीरराघवन को टेक्सास के सर्वोच्च अकादमिक पुरस्कार से सम्मानित

भारतीय-अमेरिकी कंप्यूटर इंजीनियर अशोक वीरराघवन को टेक्सास के सर्वोच्च अकादमिक पुरस्कार से सम्मानित

3 Min Read

टेक्सास : भारतीय मूल के जाने-माने कंप्यूटर इंजीनियर और राइस यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर, अशोक वीरराघवन को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए ‘एडिथ और पीटर ओ’डॉनेल’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार टेक्सास के सर्वोच्च शैक्षणिक पुरस्कारों में से एक है।

पुरस्कार प्रदान करने वाली संस्था, ‘टेक्सास एकेडमी ऑफ मेडिसिन, इंजीनियरिंग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी’ (टीएएमईएसटी) ने कहा कि प्रोफेसर वीरराघवन को अदृश्य को दृश्यमान बनाने का प्रयास करने वाली उनकी परिवर्तनकारी इमेजिंग प्रौद्योगिकी के लिए यह पुरस्कार दिया गया है।

यह पुरस्कार चिकित्सा, इंजीनियरिंग, जैव विज्ञान, भौतिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार में अग्रणी कार्य करने वाले राज्य के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं को प्रतिवर्ष दिया जाता है।

मूल रूप से चेन्नई के रहने वाले प्रोफेसर वीरराघवन ने पुरस्कार मिलने पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “मैं यह पुरस्कार प्राप्त कर बहुत खुश हूं। यह उस अद्भुत और नवीन शोध का सम्मान है जो राइस यूनिवर्सिटी में कम्प्यूटेशनल इमेजिंग लैब में कई छात्रों, पोस्टडॉक (पीएचडी की डिग्री प्राप्त करने के बाद शोध करने वाले शोधकर्ता) और वैज्ञानिकों ने पिछले दशक किया है।”

प्रोफेसर वीरराघवन अपने शोध के जरिए ऐसे इमेजिंग परिदृश्यों के लिए समाधान मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं जब प्रकाश के बिखरने के कारण इमेजिंग प्रौद्योगिकी किसी व्यक्ति को देखने में असमर्थ होती है।

उनके शोध का उपयोग चिकित्सा क्षेत्र में, जैसे कि कैंसर का पता लगाने में, और सुरक्षा क्षेत्र में, जैसे कि बमों और अन्य खतरनाक वस्तुओं का पता लगाने में किया जा सकता है।

पुरस्कार के बारे में

  • ‘एडिथ और पीटर ओ’डॉनेल’ पुरस्कार टेक्सास के सर्वोच्च शैक्षणिक पुरस्कारों में से एक है।
  • यह पुरस्कार चिकित्सा, इंजीनियरिंग, जैव विज्ञान, भौतिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी नवाचार में अग्रणी कार्य करने वाले राज्य के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं को प्रतिवर्ष दिया जाता है।
  • इस पुरस्कार के साथ $200,000 का नकद पुरस्कार भी दिया जाता है।

प्रोफेसर वीरराघवन के बारे में

  • प्रोफेसर वीरराघवन राइस यूनिवर्सिटी में इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग के प्रोफेसर हैं।
  • वे मूल रूप से चेन्नई, भारत के रहने वाले हैं।
  • उन्हें अदृश्य को दृश्यमान बनाने का प्रयास करने वाली उनकी परिवर्तनकारी इमेजिंग प्रौद्योगिकी के लिए जाना जाता है।
  • उनके शोध का उपयोग चिकित्सा और सुरक्षा क्षेत्र में कई तरह के अनुप्रयोगों में किया जा सकता है।

Share This Article
Follow:
Manisha Singh is a freelancer, content writer,Yoga Practitioner, part time working with AgraBharat.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version