उत्तर कोरिया ने पूर्वी सागर में एक संदिग्ध मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल दागी

Dharmender Singh Malik
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सियोल । उत्तर कोरिया ने रविवार को पूर्वी सागर में एक संदिग्ध मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) दागी। दक्षिण कोरिया की सेना ने कहा कि यह इस साल प्योंगयांग का पहला मिसाइल प्रक्षेपण है।

दक्षिण कोरियाई ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा कि उन्हें दोपहर करीब 2:55 बजे प्योंगयांग या उसके आसपास के क्षेत्र में लॉन्चिंग का पता चला। समुद्र में गिरने से पहले मिसाइल लगभग 1000 किलोमीटर तक उड़ी थी।

जेसीएस ने लॉन्चिंग की कड़ी निंदा करते हुए इसे स्पष्ट रूप से उकसाने वाला कृत्य बताया। साथ ही कहा कि इसने अमेरिकी और जापानी अधिकारियों के साथ उत्तर कोरियाई मिसाइल पर डेटा साझा किया है, साथ ही इसकी विशिष्टताओं पर विश्लेषण भी चल रहा है।

उन्होंने कहा, “एक मजबूत दक्षिण कोरिया-अमेरिका संयुक्त रक्षा रुख के तहत, हमारी सेना उत्तर कोरिया की विभिन्न गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखेगी और किसी भी उकसावे का जवाब देने के लिए क्षमताओं और तत्परता को बनाए रखेगी।”

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उत्तर कोरिया द्वारा 5 से 7 जनवरी तक पीला सागर में अंतर-कोरियाई समुद्री सीमा के पास तोप के गोले दागेे जाने के बाद बढ़े तनाव के बीच यह लॉन्चिंग हुई।

प्रक्षेपण ने दक्षिण कोरिया को छह वर्षों में पहली बार अपने उत्तर-पश्चिमी सीमावर्ती द्वीपों बेंगनीओंग और येओनपयोंग से लाइव-फायर अभ्यास करने के लिए प्रेरित किया।

यह प्रक्षेपण तब हुआ, जब उत्तर कोरियाई राज्य मीडिया ने कहा कि उसके विदेश मंत्री चो सन-हुई बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों के ताजा संकेत में सोमवार से बुधवार तक रूस का दौरा करेंगे।

सियोल और वाशिंगटन ने उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग-उन के सितंबर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर सम्मेलन के लिए रूस के सुदूर पूर्व की यात्रा के बाद प्योंगयांग पर मास्को को हथियार पहुंचाने का आरोप लगाया।

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प्रक्षेपण के संभावित निहितार्थ

उत्तर कोरिया का यह प्रक्षेपण प्रशांत क्षेत्र में तनाव को बढ़ाने वाला है। यह संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान के लिए एक स्पष्ट चेतावनी है कि उत्तर कोरिया अपनी मिसाइल क्षमताओं को विकसित करने और अपनी परमाणु रक्षा को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह प्रक्षेपण यह भी दर्शाता है कि उत्तर कोरिया रूस के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। रूस उत्तर कोरिया के लिए एक महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक भागीदार है, और यह प्योंगयांग को अपने परमाणु कार्यक्रम को विकसित करने में मदद कर रहा है।

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भविष्य के लिए क्या होगा?

यह स्पष्ट नहीं है कि उत्तर कोरिया का यह प्रक्षेपण भविष्य के लिए क्या दर्शाता है। संभव है कि यह केवल एक एकल, उकसाने वाला कदम हो। हालांकि, यह भी संभव है कि यह उत्तर कोरिया के लिए एक अधिक आक्रामक रुख का संकेत हो।

यदि उत्तर कोरिया अपने मिसाइल परीक्षणों को जारी रखता है, तो यह संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों के लिए एक गंभीर चुनौती होगी।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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