ऑपरेशन एर्जेन्ट फ्यूरी: पनामा के तानाशाह नोरीगा को हटाने का अमेरिकी प्रयास

Dharmender Singh Malik
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1989 में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने पनामा पर आक्रमण किया, जिसका नाम ऑपरेशन एर्जेन्ट फ्यूरी था। इस आक्रमण का उद्देश्य पनामा के तानाशाह मानुएल नोरीगा को हटाना था, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक नशीले पदार्थों के तस्कर और मानवाधिकारों के उल्लंघक के रूप में देखा था।

आक्रमण 20 दिसंबर, 1989 को शुरू हुआ। संयुक्त राज्य अमेरिका ने पनामा के हवाई क्षेत्रों पर हमला किया, और फिर सैनिकों और हथियारों को पनामा सिटी में उतारा। नोरीगा के सैनिकों ने शुरू में कड़ी प्रतिरोध किया, लेकिन अंततः वे हार गए।

आक्रमण के परिणामस्वरूप नोरीगा को गिरफ्तार कर लिया गया और संयुक्त राज्य अमेरिका में मुकदमा चलाया गया। उन्हें कई अपराधों में दोषी ठहराया गया, और उन्हें 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई।

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ऑपरेशन एर्जेन्ट फ्यूरी को एक सफल अभियान माना जाता है। यह नोरीगा को हटाने में सफल रहा, और उसने पनामा में एक लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना में मदद की।

ऑपरेशन एर्जेन्ट फ्यूरी के कारण

ऑपरेशन एर्जेन्ट फ्यूरी के कई कारण थे। सबसे पहले, संयुक्त राज्य अमेरिका ने नोरीगा को एक नशीले पदार्थों के तस्कर और मानवाधिकारों के उल्लंघक के रूप में देखा। नोरीगा ने पनामा में एक क्रूर और दमनकारी शासन चलाया था, और उसने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंधों को खराब कर दिया था।

दूसरा, संयुक्त राज्य अमेरिका ने पनामा की नहर के नियंत्रण को सुरक्षित करने की इच्छा रखी थी। पनामा की नहर एक महत्वपूर्ण जलमार्ग है, और संयुक्त राज्य अमेरिका ने चिंता जताई थी कि नोरीगा नहर को एक खतरा बन सकता है।

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तीसरा, संयुक्त राज्य अमेरिका ने पनामा में एक लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना की इच्छा रखी थी। नोरीगा एक निरंकुश शासक था, और संयुक्त राज्य अमेरिका ने पनामा में एक लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना के लिए दबाव डाला था।

ऑपरेशन एर्जेन्ट फ्यूरी के परिणाम

ऑपरेशन एर्जेन्ट फ्यूरी के कई परिणाम हुए। सबसे पहले, यह नोरीगा को हटाने में सफल रहा। नोरीगा को गिरफ्तार कर लिया गया और संयुक्त राज्य अमेरिका में मुकदमा चलाया गया। उसे कई अपराधों में दोषी ठहराया गया, और उसे 20 साल की जेल की सजा सुनाई गई।

दूसरा, इसने पनामा में एक लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना में मदद की। 1989 में, पनामा में चुनाव हुए, और एक लोकतांत्रिक सरकार का गठन हुआ।

तीसरा, इसने पनामा की नहर के नियंत्रण को सुरक्षित करने में मदद की। 1999 में, पनामा की नहर को पनामा को सौंप दिया गया।

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ऑपरेशन एर्जेन्ट फ्यूरी एक विवादास्पद अभियान था। कुछ लोगों ने इस आक्रमण की आलोचना की, यह कहते हुए कि यह एक आक्रमण था और यह संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन था। हालांकि, अन्य लोगों ने आक्रमण का समर्थन किया, यह कहते हुए कि यह नोरीगा को हटाने और पनामा में एक लोकतांत्रिक सरकार की स्थापना के लिए आवश्यक था।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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