मॉस्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कई बार परमाणु हमले की धमकी दे चुक हैं। आठ महीने पहले जब उन्होंने यूक्रेन पर हमला किया था, तब अपने परमाणु बलों को अलर्ट पर रहने का आदेश दे दिया था। अंदरूनी सूत्र के हवाले से मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है, कि पुतिन ने एक परमाणु विस्फोट की कोशिश की थी लेकिन वह इसमें असफल रहे क्योंकि कुछ अंदरूनी लोगों ने उनकी योजना को विफल कर दिया।
विदेशी मीडिया की खबर के अनुसार,बढ़ती चिंताओं के कारण ब्रिटिश रक्षा मंत्री ने अपने अमेरिका दौरे को टाल दिया है। विश्लेषकों को डर सता रहा है, कि पुतिन काला सागर में बम विस्फोट कर सकते हैं, इससे सुनामी और जहरीले गैस के बादल का खतरा पैदा होगा। दावा यह भी किया जा रहा है कि यूक्रेन में युद्ध के मैदान में इस्तेमाल से पहले आर्कटिक में एक परमाण परीक्षण की योजना बनाई जा रही है।
धमकियों और अनुमान के बीच एक दावे ने सभी की चिंता को बढ़ा दिया है। कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि पुतिन ने इस महीने की शुरुआत में दो परमाणु परीक्षणों का आदेश दे दिया था, लेकिन ‘कुछ कारणों’ से वे हो न सके। अंदरूनी सूत्रों का दावा है कि प्रक्षेपण ‘तकनीकी विफलता’ या कुछ सैन्य प्रमुखों की अनिच्छा के चलते भी संभव न हो सके। जासूसों और राजनयिकों को ट्रेनिंग देने वाले मॉस्को के इंस्टीट्यूट में पूर्व प्रोफेसर, वरलेरी सोलोवी ने कहा कि यह दिखाता है कि पुतिन का अधिकार अब कमजोर हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन युद्ध में सामरिक परमाणु हथियारों के इस्तेमाल पर पुतिन के फैसले को निस्संदेह विरोध का सामना करना पड़ेगा। मुझे नहीं पता प्रतिरोध कितना प्रभावी होगा, लेकिन पिछले दो हफ्तों में परमाणु परीक्षण होने वाले थे, एक बैरेंट्स सागर में पानी के नीचे और दूसरा आर्कान्जेस्क क्षेत्र में जमीन के नीचे। लेकिन दोनों बार टेस्ट नहीं हुए।’
रूसी राष्ट्रपति और उनके करीबियों के विशेषज्ञ सोलोवी ने दावा किया कि पुतिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए सैद्धांतिक रूप से फैसला ले चुके हैं।