भारत के लिए एक नई राहत की खबर आई है, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ हमलों के बीच भारत का समर्थन किया। पुतिन ने भारत की ओर से किए गए “मेक इन इंडिया” जैसे पहल की सराहना की और भारत को निवेश के लिए एक बेहतरीन और स्थिर जगह बताया। उनके इस बयान ने भारत के लिए एक ठोस राजनैतिक और आर्थिक समर्थन प्रदान किया है।
भारत के लिए रूस का समर्थन
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “भारत की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने वाली नीति को लागू किया जा रहा है।” पुतिन ने मोदी के “मेक इन इंडिया” कार्यक्रम की भी तारीफ की और इसे भारत की आर्थिक प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने यह भी कहा कि रूस अपनी कंपनियों के साथ भारत में उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार है, और भारतीय बाजार में निवेश को एक स्थिर और लाभकारी अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
पुतिन ने उदाहरण के तौर पर बताया कि रूस की कंपनी रोसनेफ्ट ने हाल ही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 20 अरब डॉलर का निवेश किया है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सरकार अपने नेतृत्व में निवेश के लिए विश्वसनीय और स्थिर परिस्थितियाँ बना रही है, जो व्यापार के लिए अत्यधिक लाभकारी है।
अमेरिका की टैरिफ नीति
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत के खिलाफ व्यापक पैमाने पर रेसिप्रोकल टैरिफ (प्रतिबद्ध शुल्क) का ऐलान किया था, जिसमें भारत पर 27 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात की गई थी। ट्रंप ने भारत को व्यापार के लिए कठिन जगह बताते हुए कहा था कि भारत अमेरिका के साथ व्यापार में सही तरीके से व्यवहार नहीं कर रहा है।
हालांकि, ट्रंप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताते हुए इस शुल्क की घोषणा की थी। अमेरिकी प्रशासन ने भारत से आयातित सभी वस्तुओं पर 27 प्रतिशत का भारी शुल्क लगाया है, लेकिन फार्मास्युटिकल्स, सेमीकंडक्टर, ऊर्जा और कुछ खनिज पदार्थों को इससे छूट दी गई है। अमेरिका ने भारत को अनुचित व्यापार व्यवहार का सबसे अधिक दुरुपयोग करने वाला देश बताया है।
भारत की अमेरिकी व्यापार नीति पर नजर
भारत सरकार ने अमेरिका द्वारा लगाए गए शुल्क पर सतर्क प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि वह इस फैसले के प्रभावों की सावधानीपूर्वक जांच कर रही है। भारत ने अमेरिकी व्यापार नीति में इस फैसले से उत्पन्न होने वाले अवसरों का भी अध्ययन करने का निर्णय लिया है।
पुतिन का बयान भारत के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत है। उन्होंने भारत के आर्थिक और व्यापारिक मामलों में रूस के समर्थन की बात की और यह स्पष्ट किया कि भारतीय नेतृत्व ने विश्वसनीय नीतियों का पालन किया है। इससे यह संदेश मिलता है कि भारत के विकास और व्यापार के क्षेत्र में रूस एक मजबूत साझेदार के रूप में खड़ा है।
इस घटनाक्रम के बीच, पुतिन के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत और रूस के बीच मजबूत रणनीतिक संबंध हैं, और रूस भारत के लिए व्यापारिक अवसरों में सहयोग करने के लिए तत्पर है। इस प्रकार की टिप्पणियों से भारत को रूस से और अधिक आर्थिक सहयोग की उम्मीद है, खासकर उस समय जब अमेरिका जैसे देश भारत के खिलाफ ट्रेड वॉर के कदम उठा रहे हैं।