पाकिस्तान: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के नौशेरा जिले में स्थित दारुल उलूम हक्कानिया मदरसे में शुक्रवार, 23 फरवरी 2025 को एक आत्मघाती धमाका हुआ, जिसमें कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई और 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह धमाका उस समय हुआ जब मदरसा परिसर में जुमे की नमाज अदा की जा रही थी। धमाके में जान गंवाने वालों में मदरसे के प्रमुख नेता और जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (सामी समूह) के नेता मौलाना हमीदुल हक हक्कानी भी शामिल हैं।
आत्मघाती हमले की पुष्टि
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के आईजीपी जुल्फिकार हमीद ने कहा कि विस्फोट एक आत्मघाती बम हमले का परिणाम प्रतीत होता है, जिसमें मौलाना हक्कानी को निशाना बनाया गया था। इस हमले में मौलाना हक्कानी के साथ-साथ मदरसे के केयरटेकर की भी मौत हो गई है। हमीद के बारे में कहा जा रहा है कि उन्हें हमले से बचने के लिए छह सुरक्षा गार्ड मुहैया कराए गए थे, लेकिन फिर भी हमलावर अपने उद्देश्य में सफल रहा।
घटनास्थल पर बचाव कार्य और अस्पतालों में आपातकाल
धमाका होते ही घटनास्थल पर बचाव दल ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया और घायलों को स्थानीय अस्पतालों में भेजा गया। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर और राज्यपाल फैसल करीम कुंदी ने हमले की कड़ी निंदा की और घायलों के लिए मुआवजे का वादा किया। नौशेरा और पेशावर के अस्पतालों में आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई थी। काजी हुसैन मेडिकल कॉम्प्लेक्स के एक डॉक्टर ने बताया कि अस्पताल में 20 से अधिक घायल लोगों को लाया गया है और पांच शव भी वहां पहुंचे हैं।
मौलाना हक्कानी के जीवन और योगदान पर एक नजर
मौलाना हमीदुल हक हक्कानी एक प्रमुख इस्लामी विद्वान और राजनीतिज्ञ थे। वह 2002 से 2007 तक पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के सदस्य रहे थे और अपने पिता मौलाना समीउल हक की हत्या के बाद जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (सामी) के अध्यक्ष और जामिया दारुल उलूम हक्कानिया के कुलपति के रूप में कार्य कर रहे थे। मौलाना हक्कानी के नेतृत्व में मदरसा न केवल धार्मिक शिक्षा के लिए प्रसिद्ध था, बल्कि यह पाकिस्तान के प्रमुख धार्मिक संस्थानों में से एक माना जाता था।
मदरसे की स्थापना 1947 में मौलाना अब्दुल हक हक्कानी ने की थी। हालांकि यह मदरसा विवादों में भी रहा है, खासकर जब इसके छात्रों पर पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया था, हालांकि मदरसे ने इन आरोपों से साफ इनकार किया था।
दुनिया भर में हमले की निंदा
इस हमले के बाद पाकिस्तान और दुनिया भर में नेताओं और विभिन्न धार्मिक संगठनों ने इसकी कड़ी निंदा की है। जेयूआईएफ नेताओं ने इस हमले के बाद घायलों के लिए रक्तदान की अपील की है, ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके।