रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। यूक्रेन सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर प्रतिबंध लगा दिया है। यूक्रेन का आरोप है कि रूस टेलीग्राम का इस्तेमाल उसके देश में जासूसी करने के लिए कर रहा है।
यूक्रेन की नेशनल सिक्योरिटी ऐंड डिफेंस काउंसिल ने इस प्रतिबंध की घोषणा की है। यूक्रेन की जीयूआर मिलिटरी इंटेलिजेंस एजेंसी ने पहले ही इस बारे में चेतावनी दी थी कि रूस टेलीग्राम के जरिए यूक्रेन की गतिविधियों पर नजर रख रहा है। राष्ट्रीय सुरक्षा का मामले का हवाला देकर यूक्रेन ने ऐप किया बैन ।
क्यों लगाया गया बैन?
यूक्रेन का मानना है कि टेलीग्राम के माध्यम से रूस उसके सरकारी अधिकारियों और सेना के कर्मचारियों के बारे में संवेदनशील जानकारी जुटा रहा है। इस तरह रूस यूक्रेन के खिलाफ अपनी युद्ध रणनीति को मजबूत कर रहा है।
टेलीग्राम की लोकप्रियता
टेलीग्राम दुनिया भर में 900 मिलियन से अधिक यूजर्स वाला एक लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप है। इसकी उच्च स्तरीय सुरक्षा और गोपनीयता सुविधाओं के कारण यह कई लोगों का पसंदीदा ऐप बन गया है। हालांकि, कई देशों में इसे प्रतिबंधित भी किया गया है क्योंकि इसका इस्तेमाल अक्सर गलत सूचना फैलाने और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में टेलीग्राम की भूमिका
रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान टेलीग्राम का इस्तेमाल दोनों देशों द्वारा युद्ध की जानकारी साझा करने और समर्थकों से जुड़ने के लिए किया गया है।
क्या है टेलीग्राम?
टेलीग्राम एक क्लाउड-बेस्ड मैसेजिंग ऐप है जिसे रूसी मूल के पावेल डुरोव ने बनाया था। यह ऐप एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन प्रदान करता है, जिसका मतलब है कि केवल संदेश भेजने और प्राप्त करने वाला ही संदेश को पढ़ सकता है।
यूक्रेन द्वारा टेलीग्राम पर लगाया गया प्रतिबंध इस बात को दर्शाता है कि कैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म युद्ध और राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह भी दर्शाता है कि कैसे सरकारें राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर इन प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगा सकती हैं।