ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में 2008 के वित्तीय संकट के बाद से सबसे बड़ी गिरावट

Dharmender Singh Malik
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ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में दूसरी तिमाही में 0.4% की गिरावट आई है, जैसा कि आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है। यह 2008 के वित्तीय संकट के बाद से जीडीपी में सबसे बड़ी तिमाही गिरावट है।

ब्रिटेन अर्थव्यवस्था की इस गिरावट के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं, जिसमें बढ़ती मुद्रास्फीति, ऊर्जा की बढ़ती कीमतें और यूक्रेन में युद्ध शामिल हैं।

ब्रिटेन की मुद्रास्फीति दर वर्तमान में 40 साल के उच्च स्तर पर है, और ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी से उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर दबाव बढ़ रहा है। यूक्रेन में युद्ध ने भी वैश्विक अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है, जिससे ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है।

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ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में गिरावट का अर्थ है कि लोगों की आय में वृद्धि नहीं हो रही है और बेरोजगारी की दर बढ़ सकती है। सरकार को इस गिरावट को रोकने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।

ब्रिटेन सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, जैसे कि ऊर्जा बिलों पर सब्सिडी देना और करों में कटौती करना। हालांकि, ये कदम पर्याप्त नहीं हो सकते हैं और अर्थव्यवस्था को वापस पटरी पर लाने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है।

ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में गिरावट चिंता का विषय है और सरकार को इसे रोकने के लिए कदम उठाने की जरूरत है। अर्थव्यवस्था में गिरावट का लोगों की आय और रोजगार पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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