दो महीने में तीन बड़े बैंक डूबे, दो ट्रिलियन डॉलर स्वाहा

Dharmender Singh Malik
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वा‎शिंगटन। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकॉनमी है। वहां कुछ भी हलचल होती है तो इसका असर पूरी दुनिया में दिखाई देता है। इन दिनों अमेरिका बैंकिंग संकट से जूझ रहा है। दो महीने में देश के तीन बड़े बैंक डूब चुके हैं। इसे 2008 के बाद सबसे बड़ा फाइनेंशियल क्राइसिस माना जा रहा है।

पिछले महीने सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक डूबे थे और इस महीने फर्स्ट रिपब्लिक बैंक ने दम तोड़ दिया। इन तीन बैंकों के एसेट करीब 530 अरब डॉलर था। इतना ही कम से कम दस रीजनल बैंकों पर भी डूबने का खतरा मंडरा रहा है। इस बैंकों के शेयरों में इस साल 75 फीसदी तक गिरावट आई है। इस साल एक जनवरी से अब तक पूरे बैंकिंग सेक्टर का मार्केट कैप दो लाख करोड़ डॉलर कम हो चुका है।

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सवाल यह है कि यह तबाही आखिर कब रुकेगी। अमेरिका में पिछले 100 साल में करीब 27,000 बैंक डूब चुके हैं। माना जा रहा है कि सैकड़ों बैंकों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है। लेकिन दस बैंकों की हालत खराब है। इन बैंकों के शेयरों में इस साल 75 फीसदी तक गिरावट आई है। इनमें पहले स्थान पर होमस्ट्रीट है। इसके शेयरों में 75 फीसदी गिरावट आई है। लोग रीजनल बैंकों से पैसे निकालकर बड़े बैंकों में जमा कर रहे हैं। यानी आने वाले दिनों में अमेरिका में बैंकिंग संकट और गहरा सकता है।

इस बीच अमेरिका की वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने चेतावनी दी है कि अगर एक जून तक संसद ने डेट सीलिंग को बढ़ाने या सस्पेंड करने की मंजूरी नहीं दी तो देश में नकदी का संकट खड़ा हो सकता है।

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Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
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