ट्रंप का ‘टैरिफ बम’: EU और विदेशी स्मार्टफोन्स पर भारी शुल्क, वैश्विक बाजारों में हड़कंप!

Gaurangini Chaudhary
Gaurangini Chaudhary - Content writer
4 Min Read

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने व्यापारिक फैसलों से दुनिया भर के बाजारों में भूचाल ला दिया है। उन्होंने आगामी 1 जून से यूरोपीय संघ (EU) से होने वाले सभी आयातों पर 50 प्रतिशत टैरिफ और विदेशी स्मार्टफोन पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। ट्रंप के इस अप्रत्याशित कदम ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों और वैश्विक कूटनीति में उथल-पुथल मचा दी है, जिससे व्यापार युद्ध की आशंकाएं फिर से गहरा गई हैं।

ट्रंप का सोशल मीडिया संदेश और एप्पल पर सीधा निशाना

इस बड़े फैसले पर राष्ट्रपति ट्रंप ने सोशल मीडिया पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, “हमारी चर्चा कहीं नहीं पहुंच रही है और वे (यूरोपीय संघ) हमारे उत्पादों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं।”

See also  होंडा एक्टिवा का इलेक्ट्रिक अवतार: 200 किमी रेंज और आकर्षक डिजाइन, भारतीय बाजार में धूम मचाने को तैयार

इस फैसले का सीधा असर टेक्नोलॉजी दिग्गज एप्पल पर पड़ने वाला है। एप्पल, जो पहले ही चीन के टैरिफ से बचने के लिए अपने उत्पादन को भारत में स्थानांतरित कर रहा है, अब ट्रंप के निशाने पर आ गया है। ट्रंप ने कंपनी के सीईओ टिम कुक को साफ तौर पर चेतावनी दी है कि वे या तो एप्पल का उत्पादन अमेरिका में करें या फिर 25 फीसदी का अतिरिक्त टैक्स भरें। आईफोन पर इस भारी टैरिफ का सीधा मतलब है कि अमेरिकी बाजार में एप्पल के स्मार्टफोन महंगे हो जाएंगे, जिससे उनकी मांग में कमी आने की संभावना है। इस घोषणा के बाद एप्पल के शेयरों में 3% की गिरावट दर्ज की गई है, जो बाजार की गंभीर स्थिति का संकेत है।

See also  ट्रंप के फरमान पर निकाले जाने लगे अवैध प्रवासी भारतीय, 205 को लेकर निकला मिलिट्री प्लेन, अमृतसर में करेगा लैंड

यूरोपीय संघ की प्रतिक्रिया और संभावित प्रभाव

ट्रंप की तरफ से 50 फीसदी के टैरिफ लगाए जाने के बाद, यूरोपीय संघ के व्यापार प्रमुख मारोस सेफकोविक ने आपसी सम्मान और शांति का आग्रह किया है। इसके अलावा, डच प्रधानमंत्री डिक शूफ ने ट्रंप के इस फैसले को उनकी ‘पुरानी रणनीति’ बताया है, जिसमें वे धमकी देकर सौदाबाजी करते हैं।

यदि यूरोपीय संघ पर 50 फीसदी का टैरिफ लागू होता है, तो इसकी वजह से कई तरह के सामान महंगे हो जाएंगे। विशेष रूप से, कारें, फार्मास्यूटिकल्स, विमान और एयरक्राफ्ट पार्ट्स की कीमतों में भारी वृद्धि देखने को मिलेगी। इन क्षेत्रों में 50 फीसदी टैरिफ से अमेरिकी ग्राहकों को भी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है, क्योंकि आयातित वस्तुओं की लागत बढ़ जाएगी।

वैश्विक बाजारों में अस्थिरता की वापसी

ट्रंप के इस फैसले का असर वैश्विक बाजार में तत्काल देखने को मिलने लगा है। अमेरिकी और यूरोपीय शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है, जबकि सोने की कीमतों में तेजी आई है, क्योंकि निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर रुख कर रहे हैं। ब्लूमबर्ग के फाइनेंशियल एनालिस्ट का कहना है कि पहले ग्लोबल मार्केट की स्थिति ठीक होने लगी थी, लेकिन अब एक बार फिर से अस्थिरता लौट आई है, जिससे वैश्विक आर्थिक रिकवरी पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। यह कदम निश्चित रूप से अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कूटनीति के लिए एक नई चुनौती पेश करेगा।

See also  निज्जर हत्याकांड: ट्रूडो का भारत पर गंभीर आरोप, फिर उगला जहर, कनाडा-भारत संबंध तनाव पर

 

See also  होंडा एक्टिवा का इलेक्ट्रिक अवतार: 200 किमी रेंज और आकर्षक डिजाइन, भारतीय बाजार में धूम मचाने को तैयार
Share This Article
Content writer
Follow:
Passionate about storytelling and journalism. I provide well-researched, insightful and engaging content here.
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement