भारत-कैनडा विवाद : जयशंकर, ब्लिंकन की मुलाकात के दौरान उभरने का संकेत

न्यूयॉर्क : आज न्यूयॉर्क में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की मुलाकात के दौरान, भारत और कैनडा के बीच चल रहे विदेशी विवाद को बहस के लिए उठाया जा सकता है। इस विवाद का कारण था कैनडा ने अपने “इतिहास और धरोहर के महीने” के हिस्से के रूप में एक सिख विभाजक को सम्मानित किया था।

कैनडा के इस कदम ने भारत के साथ दिलचस्प और तंग रिश्तों को और भी जटिल बना दिया है, जो पहले से ही कश्मीर, फार्मर्स प्रोटेस्ट और अन्य मुद्दों के चलते परेशानी में है। इसलिए, जयशंकर और ब्लिंकन की आज की मुलाकात को विवाद के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

विवाद का पीछा

यह विवाद सिख समुदाय के संगठन, बाबा बिंद्रानवाले इंसानी हक्क समाज (BBIHS) के प्रमुख बाबा जगदीश सिंह हरियाणा को विशेष रूप से सम्मानित करने के बाद उत्पन्न हुआ। हरियाणा बिंद्रानवाले के समर्थकों का नेता थे और उन्होंने 1980 में गोल्डन टेम्पल पर्यटन संघर्ष के दौरान सुरक्षा बलों के साथ संघर्ष किया था। इस संघर्ष में कई लोगों की मौके पर मौके पर मौत हुई थी।

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भारत की प्रतिक्रिया

भारत सरकार ने कैनडा के इस कदम का दूरसंचार किया और उसे आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस ने भारत के औपचारिक रूप से संज्ञान में लेने की प्रक्रिया का उल्लंघन किया है और यह दोनों देशों के बीच संबंधों को अधिक तंग किया है। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस विवाद को जारी रखते हुए कहा कि भारत कैनडा से इस मुद्दे पर चर्चा करने की आवश्यकता है और उन्होंने कैनडा को अपने कदम को पुनर्विचार करने की सलाह दी।

कैनडा की पक्षपातपूर्ण कदम

कैनडा के इस कदम ने विशेषकर उसके सिख समुदाय के सदस्यों के बीच बढ़ती बैरकट को बढ़ा दिया है। वे इसे अपने समुदाय के प्रति एक नामुमकिन समर्थक के रूप में देख रहे हैं और कह रहे हैं कि इससे उनके संदेश का समर्थन किया जा रहा है जो भारत के एकता और अखंडता के खिलाफ हैं।

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विवाद के समाधान की दिशा

इस बड़े विवाद को सुलझाने के लिए जयशंकर और ब्लिंकन की मुलाकात बड़े महत्वपूर्ण हो सकती है। वे दोनों देशों के बीच तबादला और सहमति की समर्थन करने के तरीके विचार कर सकते हैं, जिससे इस विवाद को सुलझाया जा सकता है।

इस मुलाकात के माध्यम से वे भी दोनों देशों के बीच व्यापार, रक्षा, और गबरनेंस के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर सकते हैं, जो दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

जयशंकर और ब्लिंकन की मुलाकात महत्वपूर्ण है, और यह दोनों देशों के बीच चल रहे विवाद के समाधान की दिशा में एक सकारात्मक कदम हो सकता है। यह भी दिखाता है कि दिप्लोमेसी के माध्यम से विवादों को सुलझाने का प्रयास कितना महत्वपूर्ण है और दोनों देशों के बीच तात्कालिक और दीर्घकालिक मुद्दों पर चर्चा करने की आवश्यकता है।

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