ढाका: बांग्लादेश की सियासत में बड़े उलटफेर की आशंका गहरा गई है। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के इस्तीफे की अटकलें तेज हो गई हैं। हाल ही में छात्र नेता और कभी उनके सहयोगी रहे नाहिद इस्लाम से यूनुस की मुलाकात ने इन अटकलों को और हवा दे दी है। हालांकि, बांग्लादेश ने इन रिपोर्टों पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।
सेना प्रमुख से तकरार और ‘मानवीय गलियारे’ पर विवाद
ऐसा माना जा रहा है कि मोहम्मद यूनुस और बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज-जमान के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं। जनरल जमान ने हाल ही में यूनुस सरकार की सार्वजनिक निंदा की थी, जिससे दोनों के बीच बढ़ती खाई साफ नजर आती है।
बांग्लादेशी मीडिया ‘प्रोथोम अलो’ की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल सिटीजन पार्टी (NCP) के संयोजक नाहिद इस्लाम ने गुरुवार शाम को मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस से उनके आधिकारिक आवास जमुना में मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर यूनुस के इस्तीफे की योजना को लेकर जोरदार चर्चा चल रही है। सूत्रों के अनुसार, दोनों के बीच मुख्य रूप से यूनुस के मुख्य सलाहकार के पद पर चर्चा हुई। नाहिद इस्लाम ने बैठक की पुष्टि की, लेकिन आगे कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बाद में शाम को, सलाहकार महफूज आलम और आसिफ महमूद शोजिब भुइयां ने भी मुख्य सलाहकार से मुलाकात की।
बांग्लादेश में म्यांमार सीमा पर मानवीय गलियारा बनाने की कथित योजना को लेकर सेना और सरकार आमने-सामने आ गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार ने अमेरिका के साथ गुप्त रूप से बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर एक मानवीय गलियारा बनाने की डील कर ली थी। जब यह बात सेना को पता चली तो उनकी तरफ से कड़ी नाराजगी जताई गई। खुद बांग्लादेशी आर्मी चीफ ने इस डील की निंदा की। इसके बाद यूनुस सरकार ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी देश के साथ म्यांमार सीमा पर मानवीय गलियारा को लेकर कोई समझौता नहीं किया है।
यह विवाद बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति में एक बड़े संकट का संकेत दे रहा है, जहां सेना और अंतरिम सरकार के बीच बढ़ती दूरियां देश के भविष्य पर सवालिया निशान लगा रही हैं।