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बरगद : हमारे पूर्वजों ने जिन पेड़ पौधों को पवित्र बताया या फिर उनकी पूजा की, वो सब उनकी उपयोगिता के कारण की, जानिए बड़ (बरगद) का फल, पत्तल और उसके औषधीय लाभ

Sumit Garg
6 Min Read

बड़ (बरगद) के फल, पत्ते और जड़ से संबंधित आयुर्वेदिक उपचारों का विस्तृत जानकारी, जिसमें बालों की समस्याओं से लेकर त्वचा, दांत और शारीरिक विकारों का इलाज शामिल है। जानें इसके फायदे, पौष्टिकता, और घरेलू उपचार के उपयोग।

बरगद का पेड़, जिसे वट वृक्ष भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह न केवल अपनी विशालता और छाया के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके पत्तों, फल, जड़ों, और दूध के स्वास्थ्यवर्धक लाभों के लिए भी जाना जाता है।

बड़ का फल और पत्तल की महत्वता

बरगद के पेड़ का फल छोटे आकार का होता है, और इसमें अनेक औषधीय गुण पाए जाते हैं। इसके साथ ही, बड़ के पत्तों से बनाए जाने वाले पत्तल का उपयोग प्राचीन समय से हो रहा है। खास बात यह है कि गांवों में आज भी शुद्ध पत्तल मिलते हैं, जो प्रकृति द्वारा दी गई असली शुद्धता को दर्शाते हैं।

आजकल, जहां बड़े व्यापारी पत्तल का व्यापार करने में लगे हैं, वहीं प्रकृति की शुद्धता और इसका ताजापन कुछ और ही होता है। बड़ के पत्तों से बने पत्तल का स्वाद, इसकी उपयोगिता और पर्यावरण के प्रति इसके लाभों को आज भी लोग सहेज कर रखते हैं।

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बड़ के पत्तों से संबंधित आयुर्वेदिक उपचार

बड़ के पत्तों के अनेक आयुर्वेदिक लाभ हैं। इनके इस्तेमाल से कई रोगों का उपचार संभव है। आइए जानें कुछ प्रमुख लाभ:

  1. बालों की समस्याओं के लिए:
    • वट वृक्ष के पत्तों की 20-25 ग्राम भस्म को 100 मिलीग्राम अलसी के तेल में मिलाकर सिर में लगाने से बालों की समस्याएं दूर होती हैं।
    • वट वृक्ष के पत्तों के रस को सरसों के तेल में मिलाकर बालों में लगाने से बालों की सभी प्रकार की समस्याएं दूर होती हैं।
    • बड़ की जटा और जटामांसी के चूर्ण का तेल से बालों में मालिश करने से गंजेपन की समस्या खत्म होती है और बाल सुंदर और स्वस्थ होते हैं।
  2. आंखों के रोगों के लिए:
    • बड़ के दूध को आंखों में लगाने से आंखों से संबंधित रोगों में राहत मिलती है।
    • बड़ के दूध और शहद के मिश्रण को आंखों में लगाने से आंखों की समस्या दूर होती है।
  3. रक्तस्राव और हृदय रोगों में:
    • बड़ के पत्तों का काढ़ा रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है।
    • वट वृक्ष के पत्तों के काढ़े का सेवन हृदय रोगों के लिए लाभकारी होता है और रक्त का संचार बेहतर करता है।
  4. पाचन समस्याओं के लिए:
    • वट वृक्ष की जड़ और पत्तों का चूर्ण कब्ज, दस्त, और पेट संबंधी अन्य समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।
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बड़ के फल और जड़ के औषधीय गुण

  1. वट वृक्ष के फल का सेवन:
    • बड़ के पके फल का सेवन शरीर को पुष्ट बनाता है। इन फलों का चूर्ण वीर्य के पतलापन और शीघ्रपतन जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
    • बड़ के फल का सेवन बलवर्धक और धातुवर्धक है, जो शरीर को ताजगी और ऊर्जा प्रदान करता है।
  2. बरगद की जड़:
    • बड़ की जड़ के चूर्ण का सेवन खून की उल्टी, दस्त, और अन्य पेट संबंधी विकारों को दूर करता है।
    • जड़ के चूर्ण का सेवन रक्त प्रदर और अन्य शारीरिक असंतुलनों में भी फायदेमंद होता है।

बड़ के अन्य आयुर्वेदिक लाभ

  1. मुंहासे और झाइयों का इलाज:
    • बड़ के पत्तों और जटाओं के लेप से चेहरे के मुंहासे और झाइयों में सुधार होता है।
    • बड़ के पत्तों और अन्य जड़ी-बूटियों का मिश्रण त्वचा को चमकदार और स्वस्थ बनाए रखता है।
  2. दांतों और मसूड़ों के रोगों में:
    • बड़ के छाल और पत्तों से दांतों की सफाई और मसूड़ों की समस्याओं का उपचार किया जा सकता है।
    • बड़ के दूध को दांतों पर लगाने से दांतों का दर्द और मसूड़ों की सूजन में राहत मिलती है।
  3. साइनस और कुष्ठ रोगों में उपचार:
    • वट वृक्ष के दूध और उसकी जड़ों के चूर्ण का उपयोग साइनस और कुष्ठ रोगों के इलाज में किया जाता है।
    • बड़ के दूध का लेप कुष्ठ रोग के घावों पर लगाया जाता है, जिससे आराम मिलता है।
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बड़ के औषधीय उपयोग के अन्य लाभ

  • बवासीर और भगंदर में राहत: बड़ के पत्तों और छाल का लेप बवासीर और भगंदर के घावों को ठीक करने में उपयोगी होता है।
  • स्मरण शक्ति में वृद्धि: बड़ के पत्तों का चूर्ण और इसके अन्य भागों का सेवन मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने और स्मरण शक्ति को बढ़ाने में सहायक होता है।

बड़ का पेड़ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी अत्यधिक लाभकारी हैं। इसके पत्तों, जड़ों, और फलों का सही तरीके से उपयोग करके हम कई स्वास्थ्य समस्याओं से निजात पा सकते हैं। बड़ के पत्तल का प्रयोग भी पर्यावरण के लिए बहुत लाभकारी है, क्योंकि यह प्राकृतिक और शुद्ध होता है। यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है; किसी भी औषधीय प्रयोग से पहले विशेषज्ञ से परामर्श लेना आवश्यक है।

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प्रभारी-दैनिक अग्रभारत समाचार पत्र (आगरा देहात)
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