कनाडा: भारतीय प्रवासियों के लिए एक स्वप्नलोक, क्यों लोग भारत से कनाडा की ओर भागते हैं?

Dharmender Singh Malik
4 Min Read
कनाडा, एक ऐसा नाम जो लाखों भारतीयों के दिलों में बसा हुआ है। वर्तमान में भले ही सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर हत्या मामले के कारण भारत और कनाडा के संबंध तनावपूर्ण हो गए हों, लेकिन फिर भी कनाडा की ओर बढ़ते प्रवासियों की संख्या कम नहीं हुई है। आइए जानते हैं इस देश का जादू जो भारतीयों को अपनी जड़ों से दूर ले जा रहा है।

अवसरों का खजाना

कनाडा में जॉब मार्केट बेहद मजबूत है, खासकर सूचना प्रौद्योगिकी (IT), स्वास्थ्य सेवा, इंजीनियरिंग और कुशल ट्रेड्स के क्षेत्रों में। यहां की उच्च सैलरी और करियर में आगे बढ़ने के अवसर भारत की तुलना में कहीं बेहतर हैं। इसके अलावा, कनाडा का उच्च जीवन स्तर, बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं और गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रणाली इसे आकर्षक बनाते हैं।

बहुसांस्कृतिक समाज

कनाडा का बहुसांस्कृतिक समाज प्रवासियों के लिए समावेशी माहौल प्रदान करता है, जिससे उन्हें आसानी से अपने नए जीवन में समाहित होने में मदद मिलती है। कनाडा की प्रवासी नीतियां, जैसे एक्सप्रेस एंट्री सिस्टम और प्रांतीय नामांकित कार्यक्रम (PNPs), भारतीयों को आकर्षित करने के लिए बनाई गई हैं। कनाडा हर साल 4.31 लाख नए स्थायी निवासियों का स्वागत करने का लक्ष्य रखता है।

See also  UPI के नए नियम 1 अगस्त 2025 से लागू: अब दिन में 50 बार ही चेक कर पाएंगे बैलेंस, AutoPay का भी बदला समय, NPCI ने किए बड़े बदलाव

उच्च शिक्षा और सुरक्षा

कनाडा की शिक्षा प्रणाली को विश्व स्तर पर बेहतरीन माना जाता है। बहुत से भारतीय छात्र यहां अपनी पढ़ाई के लिए आते हैं और ग्रेजुएट होने के बाद अपने स्टूडेंट वीजा को स्थायी निवास में बदल लेते हैं। यह एक सुरक्षित और राजनीतिक रूप से स्थिर देश है, जो बेहतर भविष्य की तलाश करने वालों के लिए उपयुक्त है।

प्रवासी समुदाय और राज्य

पंजाब से कनाडा में प्रवास का एक लंबा इतिहास है, और अधिकांश भारतीय प्रवासी पंजाब से हैं। वहां का मजबूत पंजाबी समुदाय नए प्रवासियों को समर्थन प्रदान करता है। हरियाणा, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और बिहार से भी लोग बेहतर अवसरों की तलाश में कनाडा का रुख करते हैं।

See also  YouTube पर अब कैसे होगी कमाई? नए बदलावों के बाद क्रिएटर्स के लिए ये हैं ज़रूरी कदम

कनाडा में भारतीयों का इतिहास

बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1897 में कुछ भारतीय सैनिक कनाडा में बस गए थे, जिसके बाद धीरे-धीरे 5000 से अधिक भारतीय वहां पहुंचे, जिनमें से अधिकांश सिख थे।

भारतीयों के खिलाफ भेदभाव

कनाडा में भारतीयों की बढ़ती संख्या से चिंतित अधिकारियों ने 1907 में भारतीयों के खिलाफ नस्ली भेदभाव शुरू किया। भारतीय प्रवासियों के लिए विशेष शर्तें लागू की गईं, जिसमें 200 डॉलर की राशि का प्रावधान शामिल था, जो यूरोपियनों के लिए महज 25 डॉलर था।

कनाडा में भारतीयों की संख्या

आज कनाडा में 16 लाख से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो कनाडा की कुल आबादी का 4% हैं। टोरंटो, वैंकूवर, मॉन्ट्रियल, ओटावा और विनीपेग जैसे शहरों में भारतीय समुदाय की संख्या अधिक है।

See also  2025 में मिलियनेयर कहाँ स्थानांतरित होंगे? जानें वो देश जो बनेंगे नए घर!

कनाडा की राजनीति में भारतीयों का प्रभाव

कनाडा की राजनीति में भारतीयों का प्रभाव भी बढ़ रहा है, वर्तमान में 19 सांसद और जस्टिन ट्रूडो की सरकार में तीन कैबिनेट मंत्री भारतीय मूल के हैं।

कुल मिलाकर, कनाडा भारतीय प्रवासियों के लिए एक ऐसा स्थान बन चुका है जहां बेहतर अवसर, सुरक्षा और समावेशी समाज के साथ जीवन की नई शुरुआत की जा सकती है।

 

 

 

 

 

 

 

See also  पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम: सालाना 1 लाख से ज्यादा का ब्याज कैसे पाएं
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement