चौधरी चरण सिंह: किसानों के मसीहा से भारत के प्रधानमंत्री तक का सफर

Dharmender Singh Malik
3 Min Read

चौधरी चरण सिंह की जीवनी

जन्म: 23 दिसंबर 1902, नूरपुर, भारत

मृत्यु: 29 मई 1987, नई दिल्ली, भारत

पेशा: किसान, वकील, राजनेता

पद: भारत के 5वें प्रधानमंत्री (1979-1980), उप प्रधानमंत्री (1977-1979), उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री (1967-1968)

राजनीतिक दल: भारतीय किसान समाज पार्टी, भारतीय लोक दल

परिवार: पत्नी – गायत्री देवी, बच्चे – अजीत सिंह, सत्यवती सोलंकी, ज्ञानवती सिंह, शारदा सिंह, सरोज वर्मा

शिक्षा: आगरा विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर

प्रमुख कार्य:

  • जमींदारी उन्मूलन कानून
  • किसानों के हितों के लिए संघर्ष
  • गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयास
  • सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई

उपलब्धियां:

  • भारत के 5वें प्रधानमंत्री
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
  • ‘किसानों के मसीहा’ के रूप में जाने जाते थे
  • कई राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित
See also  भारत में कंडोम के इस्तेमाल में कमी, WHO ने जताई चिंता, जानिए क्या कहती है रिपोर्ट

चौधरी चरण सिंह भारत के एक प्रसिद्ध किसान नेता, वकील और राजनेता थे। वे भारत के 5वें प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके थे। वे ‘किसानों के मसीहा’ के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने अपना जीवन किसानों के हितों के लिए संघर्ष करने और गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयास करने में समर्पित कर दिया।

जन्म और शिक्षा:

चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के नूरपुर गांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।

राजनीतिक जीवन:

चौधरी चरण सिंह ने 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल होकर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया। उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रूप से भाग लिया। स्वतंत्रता के बाद, वे उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए। उन्होंने 1967-1968 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। 1977 में, वे जनता पार्टी के गठन में शामिल हुए और मोरारजी देसाई की सरकार में उप प्रधानमंत्री बने। 1979 में, वे भारत के 5वें प्रधानमंत्री बने।

See also  जंक फूड की जगह बच्चे को पोषक आहार की ओर प्रेरित करें

प्रमुख कार्य:

चौधरी चरण सिंह ने जमींदारी उन्मूलन कानून, किसानों के हितों के लिए संघर्ष, गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयास और सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यों में योगदान दिया।

मृत्यु:

चौधरी चरण सिंह का 29 मई 1987 को नई दिल्ली में निधन हो गया।

विरासत:

चौधरी चरण सिंह को ‘किसानों के मसीहा’ के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने अपना जीवन किसानों के हितों के लिए संघर्ष करने और गरीबी उन्मूलन के लिए प्रयास करने में समर्पित कर दिया।

उनके जीवन से प्रेरणा:

चौधरी चरण सिंह का जीवन सरलता, ईमानदारी और समर्पण का प्रतीक है। वे एक ऐसे नेता थे जो हमेशा लोगों की भलाई के लिए काम करते थे। उनका जीवन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

See also  इस देश की महिलाएं होती हैं बेहत खूबसूरत, क्या है इनकी सुंदरता का राज़, हर कोई है इनकी सुंदरता का दीवाना

See also  वैलंटाइन दिवस पर अपने साथी को दें ये खास तोहफा, कृष्णा ने दिया था राधा को
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement