नई दिल्ली: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और गलत खान-पान के कारण बीमारियाँ तेजी से बढ़ रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए लोग अब अपनी डाइट और लाइफस्टाइल पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। विभिन्न डाइट ट्रेंड्स में से एक एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट भी काफी चर्चा में है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह शरीर में होने वाली सूजन को कम करने में मददगार है। लेकिन क्या यह दावा वाकई सही है? आइए जानते हैं एक्सपर्ट की राय।
क्या है एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट और कैसे करती है काम?
अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट ऑर्थोपेडिक्स डॉक्टर अभिषेक मिश्रा ने बताया कि एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट आजकल बहुत लोकप्रिय हो रही है, खासकर जोड़ों के दर्द, हार्ट डिजीज, डायबिटीज और ऑटोइम्यून रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए। इस डाइट में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं जो शरीर में सूजन (Inflammation) को कम करने में मदद करते हैं।
इस डाइट में मुख्य रूप से शामिल हैं:
- ताजे फल
- हरी सब्जियां
- नट्स
- बीज
- ओमेगा-3 फैटी एसिड (जैसे मछली या अलसी के बीज)
- साबुत अनाज
डॉ. मिश्रा के अनुसार, ये सभी चीजें शरीर में मौजूद सूजन पैदा करने वाले तत्वों को कम करती हैं और इम्यून सिस्टम (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को सही रखने में मदद करती हैं। इसके चलते यह डाइट शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रखने, वजन को संतुलित रखने और ऊर्जा बढ़ाने में भी सहायक हो सकती है।
एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट के संभावित नुकसान और सावधानियां
हालांकि, डॉ. मिश्रा यह भी चेताते हैं कि हर चीज की तरह इसके भी कुछ नुकसान हो सकते हैं, खासकर अगर इसे बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के अपनाया जाए।
- कई बार लोग इस डाइट को फॉलो करते हुए जरूरी पोषक तत्वों जैसे प्रोटीन या कैल्शियम की मात्रा कम कर देते हैं, जिससे शरीर में कमजोरी या थकान महसूस हो सकती है।
- इसके अलावा, कुछ लोगों को अचानक डाइट में बदलाव करने से गैस, अपच या एलर्जी जैसी पेट संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं।
एक्सपर्ट की सलाह: अगर कोई व्यक्ति एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट शुरू करने की सोच रहा है, तो पहले किसी न्यूट्रिशन एक्सपर्ट या डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
सिर्फ डाइट नहीं, लाइफस्टाइल में भी करें ये अहम बदलाव
डॉ. मिश्रा का कहना है कि सिर्फ खान-पान ही नहीं, बल्कि एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी बेहद जरूरी है। एंटी-इंफ्लेमेटरी डाइट के साथ-साथ आपको अपनी लाइफस्टाइल में भी कुछ अहम बदलाव करने होंगे:
- प्रोसेस्ड और जंक फूड से दूरी: ज्यादा मसालेदार, तला हुआ, रिफाइंड शुगर, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और ट्रांस फैट वाले स्नैक्स शरीर में सूजन को बढ़ा सकते हैं। इनसे पूरी तरह परहेज करें।
- सही मात्रा में पानी पीना: दिन में 8 से 10 गिलास (2 से 3 लीटर) पानी पिएं। शारीरिक गतिविधि और मौसम के अनुसार पानी की मात्रा बढ़ाएं।
- खाने का सही समय और मात्रा: खाना निर्धारित समय पर और संतुलित मात्रा में खाने की कोशिश करें। ओवरइटिंग से बचें, क्योंकि यह ब्लोटिंग और गैस जैसी पेट संबंधी समस्याओं का कारण बन सकती है।
- नियमित फिजिकल एक्टिविटी: शारीरिक रूप से सक्रिय रहना मांसपेशियों को सही रखने, ऊर्जा बढ़ाने और समग्र स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। अपनी पसंद के अनुसार नियमित रूप से व्यायाम करें या हल्की सैर करें।
- पर्याप्त नींद: रोजाना 7 से 8 घंटे की पूरी नींद लेना बहुत जरूरी है। देर रात मोबाइल के इस्तेमाल से बचें और जल्दी सोने का प्रयास करें।
याद रखें, सिर्फ खान-पान ही नहीं, बल्कि इन सभी लाइफस्टाइल बदलावों को अपनाने से ही आप वास्तव में स्वस्थ रह सकते हैं और शरीर की सूजन को प्रभावी ढंग से कम कर सकते हैं।