गूगल से लेकर फेसबुक तक सबकी आएगी शामत, इनके हाथ से निकलने वाली है ‘पैसा छापने की मशीन’

Manasvi Chaudhary
3 Min Read
गूगल से लेकर फेसबुक तक सबकी आएगी शामत, इनके हाथ से निकलने वाली है ‘पैसा छापने की मशीन’

भारत सरकार डेटा चोरी के मामलों पर लगाम कसने के लिए सख्त कदम उठा रही है। अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से लेकर टेलीकॉम कंपनियों तक, सभी पर सरकार का नियंत्रण कसने वाला है। सरकार के नए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन रूल्स का असर स्टार्टअप और बड़ी टेक कंपनियों पर साफ़ दिखाई देगा। नए नियमों के तहत, कंपनियों को किसी भी तरह का डेटा देश से बाहर साझा करने से पहले एक कमेटी से अनुमति लेनी होगी। इन नए नियमों में क्या बदलाव आएंगे, इसकी पूरी जानकारी नीचे दी गई है:

टेलीकॉम कंपनियों को SDF का दर्जा

टेलीकॉम कंपनियों के पास अपने ग्राहकों का बहुत बड़ा डेटाबेस होता है। अब टेलीकॉम कंपनियों को SDF यानी सर्विस डेटा फ्लो का दर्जा मिलेगा। SDF किसी ग्राहक को दी जा रही सेवा के प्रवाह को दर्शाता है। इसमें किसी कॉल से जुड़े वॉयस डेटा का फ्लो, किसी वेबसाइट से स्ट्रीमिंग डेटा आदि शामिल हैं।

See also  Hyena Outside, Elephant Within

डेटा उल्लंघन पर जवाबदेह होंगी कंपनियां

नए नियमों के अनुसार, अगर किसी भी तरह का डेटा उल्लंघन होता है, तो इसके लिए कंपनियों को जवाब देना होगा। यदि यूजर के निजी डेटा के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ की जाती है, तो सोशल मीडिया और वित्तीय संस्थानों को प्रभावित व्यक्तियों को इसकी पूरी जानकारी देनी होगी।

डेटा लोकलाइजेशन

बड़ी टेक कंपनियों और सोशल मीडिया कंपनियों को कुछ डेटा भारत में ही रखना होगा। इसके लिए कंपनियों को अपने सर्वर भारत में स्थापित करने पड़ सकते हैं। इसके अलावा, स्टार्टअप कंपनियों के लिए कंप्लायंस का खर्च भी बढ़ सकता है।

See also  Best FD Rates in India: जानिए 1 से 5 साल की एफडी पर कहां मिल रहा है सबसे अधिक ब्याज?

संस्थानों के लिए नई गाइडलाइन्स

  • डेटा कलेक्शन के लिए अनुमति लेने हेतु डिजिटल टोकन का इस्तेमाल अनिवार्य होगा।
  • इसके साथ ही, कंसेंट मैनेजर्स को डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड के साथ पंजीकरण कराना होगा, जिसकी कम से कम नेटवर्थ 12 करोड़ रुपये होनी चाहिए।

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट को अगस्त 2023 में ही मंजूरी दे दी गई थी। इन नियमों पर प्रतिक्रियाएँ MyGov पोर्टल के माध्यम से 18 फरवरी 2025 तक आने की संभावना है।

नए नियमों का प्रभाव

ये नए नियम डेटा सुरक्षा को लेकर सरकार की गंभीरता को दर्शाते हैं। इससे जहाँ एक ओर नागरिकों के डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, वहीं दूसरी ओर बड़ी टेक कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। उन्हें अब डेटा के इस्तेमाल और हस्तांतरण पर अधिक नियंत्रण का सामना करना पड़ेगा।

See also  बीजेपी नेता दिलीप घोष की 'राजनीतिक सिंगल' से 'विवाहित लाइफ' में एंट्री – जानिए कौन हैं उनकी लेडी लव!

 

See also  सलमान खान पर बिश्नोई गैंग का बड़ा बयान: 'हम ये जंग नहीं चाहते थे लेकिन...'
Share This Article
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement