जम्मू। जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनावों की तैयारी जोरों पर है। 1 अक्टूबर को होने वाले चुनावों के अंतिम चरण में 40 सीटों पर वोटिंग होनी है, जिसमें जम्मू की 24 और कश्मीर की 16 सीटें शामिल हैं। इस बार कश्मीर के युवा समाज में बदलाव की लहर देखने को मिल रही है। उन्होंने इमोशनल पॉलिटिक्स को नकारते हुए विकास की मांग की है।
भाजपा की उम्मीदें
कश्मीर की गुरेज विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार फकीर मोहम्मद खान की जीत की संभावना है। यदि वे जीत जाते हैं, तो भाजपा कश्मीर में अपना खाता खोलने में सफल हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा इस बार सबसे मजबूत पार्टी के रूप में उभर सकती है, जबकि नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन दूसरे स्थान पर रह सकता है।
आसान नहीं होगा मुकाबला
हालांकि, भाजपा के सामने कई चुनौतियाँ भी हैं। जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक जानकारों के अनुसार, इंजीनियर राशिद की अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) नॉर्थ कश्मीर में मजबूत स्थिति में है। पार्टी को 3-4 सीटें मिलने का अनुमान है। वहीं सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और महबूबा मुफ्ती की पीडीपी भी चुनावी मैदान में हैं।
मुकाबले की तैयारी
तीसरे फेज में गुरेज सीट को महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जहां भाजपा कैंडिडेट जीत के करीब हैं। पिछले दो फेज में भाजपा को कश्मीर में कोई सीट जीतना मुश्किल लग रहा था, लेकिन इस बार उम्मीदें जगी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जम्मू में भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें मिल सकती हैं, जहां पार्टी ने मजबूत स्थिति बनाई है।
भाजपा का जलवा
कश्मीर की सियासत के जानकार बिलाल फुरकानी के अनुसार, भाजपा इस चुनाव में अपनी पकड़ मजबूत करने में सफल हो सकती है। जम्मू में पार्टी को 15 से अधिक सीटें मिल सकती हैं। खासकर कठुआ, जम्मू और उधमपुर की सीटें भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हैं।
जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत की संभावनाएं बढ़ती दिख रही हैं। कश्मीर में विकास की आवाज उठाते हुए, भाजपा ने नई उम्मीदें जगाई हैं। अब देखना यह है कि 1 अक्टूबर को मतदान के बाद क्या सच में कश्मीर में कमल खिलता है या फिर अन्य पार्टियां इस पर पानी फेर देती हैं।