गोपाष्टमी व्रत कथा 2024: गोपाष्टमी के दिन जरूर पढ़ें यह व्रत कथा, सभी मनोकामनाएं होंगी पूरी!

Dharmender Singh Malik
5 Min Read
गोपाष्टमी व्रत कथा 2024: गोपाष्टमी का पर्व हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है। यह पर्व हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है, जो इस वर्ष 9 नवंबर को आ रहा है। गोपाष्टमी के दिन गौ माता की पूजा और सेवा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन अगर सच्चे मन से गौ माता की पूजा की जाए और गोपाष्टमी व्रत कथा का पाठ किया जाए, तो व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

गोपाष्टमी व्रत कथा: Gopashtami Vrat Katha

Gopashtami Vrat Katha In Hindi: गोपाष्टमी की व्रत कथा भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी हुई है। कथा के अनुसार, जब भगवान कृष्ण बाल्यावस्था में थे, तो एक दिन उन्होंने अपनी माता यशोदा से कहा कि, “माँ, अब मैं बड़ा हो गया हूँ और मुझे बछड़े चराने के बजाय गायों का ध्यान रखना चाहिए।” यह सुनकर यशोदा ने कृष्ण से कहा, “ठीक है, लेकिन पहले नंद बाबा से पूछ लो, ताकि वे तुम्हें गौ चारण की अनुमति दे दें।”

इसके बाद, भगवान श्री कृष्ण नंद बाबा के पास गए और उनसे कहा कि वह अब गायों का पालन करना चाहते हैं, न कि बछड़ों का। नंद बाबा ने कृष्ण को समझाने की कोशिश की, लेकिन कृष्ण के हठ के आगे उनकी एक नहीं चली। फिर नंद बाबा ने कृष्ण से कहा कि वे पहले पंडित जी से गौ चारण के लिए शुभ मुहूर्त पता करें।

See also  खतरनाक है टेलीग्राम एप: सबसे ज्यादा साइबर ठगी इसी से, बैंक अकाउंट तक बेचे जा रहे!

भगवान कृष्ण दौड़ते हुए पंडित जी के पास गए और कहा, “पंडित जी, नंद बाबा ने मुझे गौ चारण के लिए शुभ मुहूर्त देखने को कहा है। अगर आप मुझे आज ही शुभ मुहूर्त बताएंगे, तो मैं आपको बहुत सारा मक्खन दूंगा।” पंडित जी ने पंचांग देखकर उसी दिन का समय गौ चारण के लिए शुभ बताया और साथ ही यह भी कहा कि अगले एक साल तक इस समय के अलावा कोई और मुहूर्त नहीं मिलेगा।

उस दिन भगवान कृष्ण ने गायों का पालन शुरू किया और इस दिन से ही गौ माता के प्रति आस्था और श्रद्धा की भावना बढ़ी। उसी दिन से कार्तिक शुक्ल पक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।

गोपाष्टमी व्रत का महत्व:

Gopashtami Vrat Katha In Hindi:  गोपाष्टमी का पर्व विशेष रूप से भगवान कृष्ण की नगरी गोकुल, मथुरा, ब्रज और वृंदावन में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन गौ माता की पूजा करके उनके चरणों में श्रद्धा अर्पित की जाती है। इस दिन व्रत करने और कथा सुनने से व्यक्ति के जीवन से सभी बाधाएं दूर होती हैं और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

See also  35 की उम्र के बाद चेहरे की चमक बनाए रखने के 7 नेचुरल तरीके, ग्लो करेगा चेहरा, सब कहेंगे Wow!,

कैसे करें गोपाष्टमी व्रत:

  1. स्नान: गोपाष्टमी के दिन उबटन और स्नान का विशेष महत्व है। सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें।
  2. गौ माता की पूजा: घर या मंदिर में गौ माता की पूजा करें। गाय को गेंहू, गुड़ और चारा अर्पित करें।
  3. व्रत कथा का श्रवण: व्रत कथा का पाठ करें और इसे ध्यान से सुनें।
  4. नदी या तालाब में जल अर्पण: गोपाष्टमी के दिन पानी में दीपदान और अर्घ्य देने का महत्व है।

गोपाष्टमी व्रत का लाभ:

  1. मनोकामनाओं की पूर्ति: गोपाष्टमी के दिन व्रत कथा और पूजा करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
  2. धन, वैभव की प्राप्ति: व्रत करने से घर में धन, वैभव और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
  3. कष्टों से मुक्ति: इस दिन गोवर्धन पूजा का आयोजन भी किया जाता है, जिससे जीवन में आने वाली कठिनाइयों से मुक्ति मिलती है।
See also  Dinner Dilemma: 7 PM or 9 PM? Unpacking the Science of Meal Timing for Weight Loss

गोपाष्टमी का धार्मिक संदेश:

गोपाष्टमी का पर्व गौ माता के प्रति हमारे प्रेम और श्रद्धा को व्यक्त करने का अवसर है। गौ माता को भारतीय संस्कृति में अत्यंत पवित्र और कल्याणकारी माना गया है। गोपाष्टमी का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह हमारे जीवन में प्रेम, सेवा और आभार की भावना को भी बढ़ावा देता है।

गोपाष्टमी के इस पवित्र अवसर पर गो माता की पूजा करें और इस व्रत के साथ अपने जीवन को समृद्ध और मंगलमय बनाएं।

 

Also Read : गोपाष्टमी का संदेश: गाय अर्थव्यवस्था और जैविक खेती के प्रति जागरूकता

 

 

See also  Dinner Dilemma: 7 PM or 9 PM? Unpacking the Science of Meal Timing for Weight Loss
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement