आगरा: गर्मी का मौसम आ गया है और इस दौरान शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए खानपान और जीवनशैली पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। इस मौसम में तबीयत खराब होने का खतरा भी अधिक रहता है। अगर आप गर्मी में ड्राई फ्रूट्स का सेवन करते हैं, तो आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। आज हम आपको इस लेख के माध्यम से विस्तार से बताएंगे कि गर्मी के मौसम में किशमिश किस तरीके से खानी चाहिए।
किशमिश सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। बाजार में कई प्रकार की किशमिश उपलब्ध हैं, जिन्हें विभिन्न तरीकों से खाया जा सकता है। गर्मियों में अक्सर भिगोई हुई किशमिश खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होती है। दरअसल, किशमिश की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसे कच्चा खाने से शरीर का तापमान बढ़ सकता है। आइए जानते हैं गर्मी में इस ड्राई फ्रूट का सेवन करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
एक दिन में कितने किशमिश खाने चाहिए?
सूखे अंगूर यानी किशमिश में भरपूर मात्रा में आयरन, फाइबर और पोटैशियम पाया जाता है। इसके सेवन से हीमोग्लोबिन भी बढ़ता है। किशमिश पुरुषों के स्वास्थ्य के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है। जयपुर की आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. किरण गुप्ता के अनुसार, गर्मी में बच्चे हों या बड़े, 10 किशमिश तक खा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि इन्हें भिगोना जरूरी है। इससे अधिक मात्रा में सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
किशमिश वाला पानी
गर्मियों में जब भी किशमिश खाएं, तो उसे कच्चा न खाकर पानी में भिगोकर ही खाएं। इसके लिए रात भर किशमिश को साफ पानी में भिगोकर रख दें और सुबह उसे छानकर पानी पी लें। किशमिश का पानी पेट और पाचन क्रिया के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
किशमिश पानी पीते समय और मात्रा का ध्यान रखें
किशमिश का पानी सुबह खाली पेट पीने की सलाह दी जाती है। यह पूरे स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होता है। गर्मियों के दौरान अधिक मात्रा में ड्राई फ्रूट्स का सेवन नहीं करना चाहिए। भीगी हुई किशमिश को आप अपने सलाद के ऊपर डालकर भी खा सकते हैं।
वजन नियंत्रण और रोग प्रतिरोधक क्षमता
भीगी हुई किशमिश में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस होता है। आप अनहेल्दी स्नैकिंग की जगह किशमिश का सेवन कर सकते हैं। गर्मियों में भीगी हुई किशमिश खाने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है। किशमिश में विटामिन सी और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन महत्वपूर्ण मात्रा में पाए जाते हैं। इसमें फेनोलिक केमिकल भी होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जो कई बीमारियों से लड़ने में मदद करती है।