बृज खंडेलवाल द्वारा
रॉयल कुरूपतिस्तान सरकार ने रौटनपुर विश्वविद्यालय का नाम बदलकर अब अज्ञानपुर विश्वविद्यालय रख दिया है। इस नाम परिवर्तन के साथ ही, विश्वविद्यालय ने एक क्रांतिकारी शैक्षणिक कैलेंडर भी जारी किया है, जिसे महामारी के बाद के दौर में शिक्षण मानकों को उन्नत करने के लिए बनाया गया है।
शैक्षणिक कैलेंडर के प्रमुख बिंदु
पहले दो महीने: छात्र प्रवेश के लिए आवेदन करेंगे, काउंसलिंग में भाग लेंगे, और दस्तावेज जमा करेंगे। इसके साथ ही, वे परिसर में घूमकर पुराने छात्रों से बातचीत करेंगे ताकि वे अपने लिए उपयुक्त गतिविधियों का चयन कर सकें।
अगले दो महीने: सभी छात्रों को स्मार्ट क्लास रूम में खेल, क्रिकेट मैच, फिल्में और टीवी सीरियल देखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। शिक्षकों की अनुमति से, छात्रों को कभी-कभार शो बिजनेस के रुझानों के बारे में जानने के लिए अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने का भी अवसर मिलेगा।
पांचवें महीने: छात्र छात्र संघ चुनाव के लिए रैलियों, शारीरिक कसरत और रोड शो में शामिल होंगे। दीवार पेंटिंग, पोस्टर बनाना और नारे लिखने जैसी गतिविधियों में छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
छठे महीने: छात्रों को धरना, विरोध मार्च और हड़ताल जैसे लोकतांत्रिक हथियारों का उपयोग करना सिखाया जाएगा। इस दौरान शिक्षकों की भी हड़ताल की योजना है, जिसका समर्थन छात्र करेंगे।
परीक्षा और परिणाम
सत्र के अंत में, परीक्षा के बिना ही परिणाम घोषित किए जाएंगे। अज्ञानपुर विश्वविद्यालय ने इस वर्ष सभी छात्रों को पास करने का निर्णय लिया है, बशर्ते वे दोगुनी फीस देने के लिए सहमत हों।
प्लेसमेंट की सुविधा
विश्वविद्यालय प्रबंधन का यह मानना है कि सभी उत्तीर्ण छात्रों को नौकरी प्रदान करना उनका कर्तव्य है। इसके लिए कई प्लेसमेंट एजेंसियों को वित्तपोषित किया गया है, जो छात्रों की भर्ती करेंगी।
अज्ञानपुर विश्वविद्यालय का यह नया शैक्षणिक कैलेंडर शिक्षण के पारंपरिक मॉडल को चुनौती देने और छात्रों को एक नए दृष्टिकोण से तैयार करने का प्रयास है। इस पहल से यह देखना दिलचस्प होगा कि विश्वविद्यालय किस प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति लाने में सफल होता है।