सॉस, प्री-पैकेज्ड सूप, फ्रोजन पिज्जा से जल्दी आ सकती है मौत

Dharmender Singh Malik
4 Min Read
अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थो का रोजाना सेवन हो सकता है खतरनाक

अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थो का दैनिक सेवन आपको जल्दी मार सकता है। प्री-पैकेज्ड सूप, सॉस, फ्रोजन पिज्जा और रेडी-टू-ईट भोजन का लगातार सेवन आपके लिए हो सकता है खतरनाक। यह शोध 2019 में ब्राजील में समय से पहले रोके जा सकने वाली 10 प्रतिशत से अधिक मौतों के सिलसिले में किया गया है। शोधकर्ताओं ने कहा है कि अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थो में से कोई संपूर्ण खाद्य पदार्थ नहीं होता है, यही वजह है कि 2019 में ब्राजील में 57,000 लोगों की समय से पहले मौत हो गई।

ऐसे रेडी-टू-ईट-या-हीट औद्योगिक फॉर्मूलेशन, जो खाद्य पदार्थो से निकाले गए अवयवों से बने होते हैं या प्रयोगशालाओं में संश्लेषित होते हैं, धीरे-धीरे कई देशों में पारंपरिक खाद्य पदार्थो और ताजा व न्यूनतम संसाधित सामग्री से बने भोजन की जगह ले रहे हैं। साओ पाउलो विश्वविद्यालय के प्रमुख अन्वेषक, एडुआडरे ए.एफ।निल्सन ने कहा, “पिछले मॉडलिंग अध्ययनों ने सोडियम, चीनी और ट्रांस वसा, और विशिष्ट खाद्य पदार्थ या पेय, जैसे चीनी मीठे पेय पदार्थो के स्वास्थ्य और आर्थिक बोझ का अनुमान लगाया है।

See also  मकर संक्रांति 2024: मकर संक्रांति आज है या कल? यहां जानें सही तिथि और मुहूर्त

उन्होंने कहा, “हमारी जानकारी में आज तक किसी भी शोध में समय से पहले होने वाली मौतों के कारण के तौर पर अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थो के प्रभाव का अनुमान नहीं लगाया है। इन खाद्य पदार्थो की खपत के कारण होने वाली मौतों के बारे में जानना जरूरी है। आहार पैटर्न में परिवर्तन बीमारी और समयपूर्व मौतों को रोक सकते हैं।

अतिप्रसंस्कृत खाद्य पदार्थो के उदाहरण हैं- पैक सूप, सॉस, फ्रोजन पिज्जा, पहले से तैयार भोजन, हॉट डॉग, सॉसेज, सोडा, आइसक्रीम और स्टोर से खरीदे गए कुकीज, केक, कैंडी और डोनट्स। शोध की अवधि के दौरान सभी आयु समूहों और लिंग वर्गो में अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थो की खपत ब्राजील में कुल भोजन सेवन का 13 प्रतिशत से 21 प्रतिशत तक थी। 2019 में 30 से 69 वर्ष की आयु के कुल 5,41,260 वयस्कों की समय से पहले मौत हो गई, जिनमें से 2,61,061 रोके जाने योग्य, गैर-संचारी रोगों से थे।

See also  वैलेंटाइन डे: अपने पार्टनर को कैसे करें खुश, क्या खास दें उपहार में?

शोध में पाया गया कि उस वर्ष लगभग 57,000 मौतों को अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थो की खपत के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है, जो सभी समय से पहले होने वाली मौतों का 10.5 प्रतिशत और 30 से 69 वर्ष की आयु के वयस्कों में रोकथाम योग्य गैर-संचारी रोगों से होने वाली सभी मौतों का 21.8 प्रतिशत है।

निल्सन ने कहा, “अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थो का सेवन मोटापे, हृदय रोग, मधुमेह, कुछ कैंसर और अन्य बीमारियों, जैसे कई रोग परिणामों से जुड़ा है, और यह ब्राजील के वयस्कों में रोकथाम योग्य और समय से पहले होने वाली मौतों का एक महत्वपूर्ण कारण दर्शाता है।

See also  बियर पीने वालों के लिए अच्छी खबर! सस्ता हुआ बियर

शोधकर्ताओं ने सुझाव दिया कि अमेरिका, कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे उच्च आय वाले देशों में, जहां अल्ट्राप्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ कुल कैलोरी सेवन के आधे से अधिक खाते हैं, अनुमानित प्रभाव और भी अधिक होगा।अतिप्रसंस्कृत खाद्य पदार्थो की खपत को कम करने और स्वस्थ भोजन विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए कई हस्तक्षेपों और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की जरूरत हो सकती है।

See also  टमाटर के सेवन से लिवर कैंसर का खतरा होता है कम 
Share This Article
Editor in Chief of Agra Bharat Hindi Dainik Newspaper
Leave a comment

Leave a Reply

error: AGRABHARAT.COM Copywrite Content.