स्लीप डिवोर्स: क्या अलग-अलग कमरे में सोना रिश्ते को बना रहा है और भी मजबूत?

Manisha singh
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प्यार, एक खूबसूरत अहसास है — लेकिन तब जब ये दोनों तरफ से बराबर हो। जब दोनों पार्टनर एक-दूसरे की ज़रूरतों और भावनाओं को समझते हैं, तो रिश्ता और भी खास बन जाता है। लेकिन बदलते दौर में रिश्तों की परिभाषा और ज़रूरतें भी बदल रही हैं। आज के समय में कपल्स अपने रिश्ते को बेहतर बनाए रखने के लिए ‘स्लीप डिवोर्स’ का तरीका अपना रहे हैं।

क्या है स्लीप डिवोर्स?

स्लीप डिवोर्स का मतलब है, रात को पति-पत्नी का अलग-अलग कमरों में सोना। यह कोई कानूनी डिवोर्स नहीं, बल्कि एक समझौता है – अच्छी नींद और बेहतर रिश्ते के लिए।

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अब ऐसा देखने को मिल रहा है कि जो कपल्स बाहर घूमने भी जा रहे हैं, वे एक नहीं, दो अलग कमरे बुक कर रहे हैं। इस ट्रेंड ने दुनियाभर में ध्यान खींचा है। कुछ लोग इसे रिश्ते में स्पेस देने का जरिया मानते हैं, तो कुछ इसे प्यार में दूरी की शुरुआत।

क्या कहती हैं रिसर्च?

  • एक रिपोर्ट के मुताबिक, 10% फ्रेंच कपल्स काफी समय से साथ हैं लेकिन रात को अलग-अलग कमरों में सोते हैं।

  • 6% कपल्स ऐसा करना चाहते हैं लेकिन पार्टनर की नाराज़गी के डर से हिम्मत नहीं जुटा पा रहे।

  • अमेरिका, यूके और यूरोप के कई हिस्सों में यह तेजी से बढ़ता ट्रेंड बन चुका है।

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क्यों हो रहा है ये बदलाव?

  1. स्लीप क्वालिटी खराब होना – एक ही बिस्तर पर सोने से नींद पूरी नहीं होती, कोई खर्राटे लेता है तो कोई करवटें बदलता है।

  2. हेल्थ इश्यूज़ – नींद पूरी न होने से इम्यूनिटी, मेमोरी और हार्ट हेल्थ पर बुरा असर पड़ सकता है।

  3. इमोशनल कंट्रोल – वैज्ञानिक मानते हैं कि नींद पूरी न हो तो इंसान भावनाओं पर काबू नहीं रख पाता, जिससे रिश्ते में टकराव बढ़ता है।

  4. रिश्तों में स्पेस – कुछ लोग मानते हैं कि एक-दूसरे को थोड़ा स्पेस देना रिश्ते को और मजबूत बनाता है।

स्लीप डिवोर्स से रिश्तों में सुधार?

कुछ कपल्स का अनुभव है कि स्लीप डिवोर्स अपनाने के बाद उनका रिश्ता और भी रोमांटिक हो गया।
नींद पूरी होने से मूड बेहतर रहता है, जिससे आपसी बातचीत में सकारात्मकता आती है।

“हम अब लड़ते कम हैं और प्यार ज़्यादा करते हैं,” – एक कपल का कहना है।

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