नई दिल्ली: भारत की पूर्व महिला और बाल विकास मंत्री, भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए एक नई पहल शुरू की है। सरकार में रहते हुए कई योजनाओं और कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं की स्थिति को मजबूत करने वाली स्मृति ईरानी अब एक गैर सरकारी संगठन, लूंबा फाउंडेशन के जरिए विधवा महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने का कार्य कर रही हैं। उनकी पहल ‘Her Skill-Her Future’ के नाम से एक नया कदम साबित हो रही है, जो विशेष रूप से विधवा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है।
विधवा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लूंबा फाउंडेशन का साथ
स्मृति ईरानी ने लूंबा फाउंडेशन के साथ मिलकर देशभर में विधवा महिलाओं के लिए ‘Her Skill-Her Future’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है। इसके पहले चरण में, देशभर में एक लाख विधवा महिलाओं को स्किल डेवलेपमेंट और ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। इस पहल के जरिए महिलाओं को रोजगार से जुड़ी योग्यताएं और व्यावसायिक प्रशिक्षण मिलेंगे, जिससे वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी और समाज में अपनी स्थिति मजबूत कर सकेंगी।
महिलाएं परिस्थितियों से हारने वाली नहीं
दिल्ली में इस कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत करते हुए स्मृति ईरानी ने कहा, “महिलाएं परिस्थितियों या चुनौतियों की शिकार नहीं होती हैं, बल्कि उनमें प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ने और उभरने की क्षमता होती है।” उन्होंने यह भी कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनका आत्मविश्वास और शक्ति वापस दिलाना है, ताकि वे अपने जीवन के कठिन दौर से बाहर आ सकें और अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य बना सकें।
प्रधानमंत्री मोदी के विचारों से प्रेरित
यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2016 में शुरू की गई विधवा महिलाओं के सशक्तिकरण परियोजना से प्रेरित है। पीएम मोदी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में 5 हजार विधवाओं की मदद की थी। उसी पैटर्न पर लूंबा फाउंडेशन अब समूचे देश में विधवा महिलाओं को सशक्त करने का कार्य कर रहा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लूंबा फाउंडेशन की सफलता
लूंबा फाउंडेशन पहले ही भारत सहित अन्य देशों में विधवा महिलाओं के लिए काम कर रहा है। अब तक, लूंबा फाउंडेशन ने भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, रवांडा, चिली और ग्वाटेमाला जैसे देशों में 20 हजार से ज्यादा गरीब विधवाओं को सशक्त किया है। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र ने भी लूंबा फाउंडेशन के प्रयासों की सराहना करते हुए 23 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय विधवा दिवस’ घोषित किया था।
एक लाख महिलाओं का सशक्तिकरण
इस कार्यक्रम के तहत एक लाख विधवा महिलाओं को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस पहल के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें जीवन जीने के लिए आवश्यक सहायता भी प्रदान की जाएगी। इस पहल से महिलाओं को रोजगार, शिक्षा, और सामाजिक हिस्सेदारी की दिशा में अहम कदम मिलेंगे।
कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन कार्यक्रम में स्मृति ईरानी की भागीदारी
स्मृति ईरानी ने 1 लाख विधवा महिलाओं को सशक्त करने के कार्यक्रम की शुरुआत करने से पहले, 2 दिन पहले यूपी और उत्तराखंड की 56 महिला विधायकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी भाग लिया था। कानपुर में आयोजित इस कार्यक्रम में ईरानी ने महिला विधायकों से सदन की कार्यवाही में महिलाओं की भागीदारी और संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के विषय में चर्चा की।
महिला सशक्तिकरण में स्मृति ईरानी का योगदान
स्मृति ईरानी का यह कदम महिला सशक्तिकरण और समाज में महिलाओं के लिए समान अवसरों के निर्माण के दृष्टिकोण से एक अहम पहल है। उनकी यह पहल यह संदेश देती है कि महिलाओं के पास अपार क्षमता है और वे किसी भी परिस्थिति में अपने जीवन को बेहतर बना सकती हैं, बशर्ते उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन और समर्थन मिले।