कभी ऑटो चालक के बेटे रहे अंसार शेख आज देश के सबसे कम उम्र के IAS अधिकारियों में से एक हैं। उनकी कहानी मेहनत और लगन की मिसाल है। आइए जानते हैं कैसे एक साधारण परिवार के लड़के ने अपनी लगन और मेहनत से मुश्किलों को पार कर IAS अधिकारी बनने का सपना पूरा किया।
कठिन परिस्थितियों में पला-बढ़ा
महाराष्ट्र के मराठवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव जालना में जन्मे अंसार का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। उनके पिता ऑटो रिक्शा चलाते थे और मां घर के कामकाज संभालती थीं। बावजूद इसके, अंसार के माता-पिता ने उनकी पढ़ाई पर कोई कमी नहीं छोड़ी।
UPSC परीक्षा की तैयारी
अंसार ने शुरू से ही पढ़ाई में बहुत रुचि ली। उन्होंने दसवीं की परीक्षा में 91% अंक हासिल किए और फिर पुणे कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने UPSC परीक्षा पास करने का लक्ष्य रखा। उन्होंने पॉलिटिकल साइंस को अपने वैकल्पिक विषय के रूप में चुना और मेन्स और इंटरव्यू दोनों मराठी में देने का फैसला किया।
कठिनाइयों का सामना
अपने सपने को पूरा करने के रास्ते में अंसार को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उनके बड़े भाई को पढ़ाई छोड़कर काम करना पड़ा। इसके अलावा, उनकी बहन की शादी भी कम उम्र में ही हो गई थी। इन सबके बावजूद अंसार ने कभी हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान केंद्रित किया।
सफलता की कहानी
अंसार ने अपने पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा में 361वीं रैंक हासिल की। आज वह कूचबिहार, पश्चिम बंगाल में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ADM) के पद पर कार्यरत हैं।
अंसार शेख से सीख
अंसार शेख की कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर हम दृढ़ निश्चय और लगन के साथ मेहनत करें तो हम अपनी मंजिल जरूर पा सकते हैं। चाहे हमारे पास कितनी भी कम सुविधाएं क्यों न हों, अगर हम सपने देखते हैं और उनके लिए कड़ी मेहनत करते हैं तो हम सफल हो सकते हैं।