नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद BEd डिग्री धारकों के लिए प्राइमरी टीचर बनने का रास्ता और भी मुश्किल हो गया है। अब प्राइमरी शिक्षक बनने के इच्छुक छात्रों को BEd की डिग्री के बिना ही शिक्षा की तैयारी करनी होगी। इस बदलाव का मुख्य कारण नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) द्वारा शुरू किया गया नया कोर्स है, जिसे इंटीग्रेटेड टीचर्स एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) कहा जाता है।
ITEP कोर्स का परिचय
ITEP एक चार वर्षीय पाठ्यक्रम है, जिसे 12वीं कक्षा के बाद शुरू किया जा सकेगा। यह कोर्स छात्रों को प्राइमरी टीचर बनने की आवश्यकता के अनुसार डिजाइन किया गया है। यदि आप प्राइमरी शिक्षक बनना चाहते हैं, तो आपको इस चार वर्षीय प्रोग्राम को पूरा करना होगा।
एडमिशन प्रक्रिया
ITEP कोर्स में प्रवेश लेने के लिए हर साल एक एंट्रेंस एग्जाम आयोजित किया जाएगा। इस परीक्षा में सफल होने के बाद, उम्मीदवारों को उनकी रैंक के अनुसार कॉलेज अलॉट किए जाएंगे। इसके माध्यम से छात्र BSc BEd, BA BEd या BCom BEd कोर्स में प्रवेश ले सकेंगे।
कब से होगा लागू?
नई शिक्षा नीति के तहत, 2023 तक ITEP कोर्स को अनिवार्य किया जा सकता है। इसके बाद, केवल ITEP कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को प्राइमरी टीचर भर्तियों में भाग लेने की अनुमति होगी।
पायलट प्रोजेक्ट
दिल्ली विश्वविद्यालय में इस कोर्स का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसमें कुछ कॉलेजों के साथ-साथ अन्य विश्वविद्यालयों में भी इस प्रोग्राम के तहत एडमिशन दिया जा रहा है। दिल्ली के BRAU विश्वविद्यालय में भी एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो गई है।
अगर आप प्राइमरी टीचर बनने की ख्वाहिश रखते हैं, तो यह आपके लिए एक सुनहरा मौका है। ITEP कोर्स के माध्यम से अब आप सीधे 12वीं के बाद ही इस दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। इससे न केवल आपकी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी, बल्कि आप बेहतर तरीके से अपने करियर की शुरुआत भी कर सकेंगे।
इस नए बदलाव के साथ, छात्रों को एक नई राह मिलेगी और वे बिना BEd डिग्री के भी प्राइमरी टीचर बन सकेंगे।