आजकल मोबाइल, इंटरनेट और टी वी के कारण युवा वर्ग समय से पूर्व सेक्स की जानकारियों से परिपूर्ण होने पर वीर्य स्खलन के कारण वे नपुंसकता की ओर बढ़ चुके हैं। उनके चेहरे पर ओज़ का आभाव होने से समय से पूर्व वृद्धावस्था की ओर बढ़ रहे हैं। उनका सोचना हैं की यह युवा वर्ग में उत्पादन का समय हैं को प्राकृतिक होने से जितना अधिकतम दुरूपयोग करना चाहो करो जो चिंतनीय हैं।
हमारा शरीर सातधातुओं से बना हैं। हम जो भी खाना खाते हैं उससे रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि मज्जा और शुक्र बनता हैं। शुक्र सबसे अंतिम धातु हैं। शुक्र का उदय जिस प्रकार फलों की कलियों से सुगंध नहीं प्राप्त होता हैं पर वे ही कलियाँ जब विकसित हो जाती हैं तब उससे सुगंध की प्राप्ति होती हैं उसी प्रकार मनुष्य के शरीर में शुक्र की स्थिति होती हैं।
मैथुन के योग्य आयु —
नत वै षोड़्षाद्वषआर्त सप्ततयाः परतो न च !
आयुष्कामो नरः स्त्रिभिः संयोगं कर्तुमहर्ति !!
अपनी आयु को सुरक्षित रखने की इच्छा वाले मनुष्य को सोलह वर्ष की अवस्था से पहले और सत्तर वर्ष की अवस्था बाद स्त्री सम्भोग नहीं करना चाहिए।
शुक्र क्षय के कारण —
जरया चिन्त्या शुक्रं व्यधिभिः करमकृषणत !
क्षयं गच्छत्यनाशनात स्त्रीणां चातीनिषेवणात !!
वृद्धावस्था, चिंता, रोग, शक्ति से अधिक कार्य करना, भोजन करना,अधिक स्त्री संभोग इस छह कारणों से शुक्र का क्षय होता हैं।
शुक्र का स्थान —–
रस इक्षौ यथा दधिन सर्पिसतैलं तिले यथा !
सर्वत्रानुगतं देहे शुक्रं संस्पर्शने तथा !!
जिस प्रकार ईख में रस, दही में घृत और तिल में तेल व्यापक रूप से रहता हैं उसी प्रकार स्पर्श ज्ञान -सम्पन्न सम्पूर्ण शरीर में शुक्र भी व्यापक रूप में रहता हैं
प्रजनन क्षमता (Fertility) के लिए स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या अर्थात हेल्दी स्पर्म काउंट बहुत ही आवश्यक है। आप इसे पौष्टिक आहार तथा जीवनशैली में परिवर्तन करके बढ़ा सकते हैं। अक्सर लोग स्पर्म बढ़ाने के उपाय के बारे जानना चाहते हैं कि लेकिन उससे पहले आपको जानना चाहिए कि स्पर्म काउंट कितना होना सही है।
आपको बता दें कि स्वस्थ पुरुष के वीर्य या सीमेन में 40 मिलियन से 300 मिलियन के बीच में स्पर्म प्रति मिलिलीटर होना चाहिए। यदि स्पर्म प्रति मिलिलीटर 10 मिलियन से 20 मिलियन के बीच है तो इसे खराब यानि लो स्पर्म काउंट माना जाता है। यदि स्पर्म हेल्दी है तो प्रेग्नेंसी के लिए 20 मिलियन स्पर्म प्रति मिलिलीटर पर्याप्त हो सकता है।
लो स्पर्म काउंट या शुक्राणु की कमी बांझपन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह पुरुषों में बीमारी के जोखिम को भी बढ़ा सकता है।
एक नए अध्ययन में पता चला है कि लो स्पर्म काउंट या कम शुक्राणुओं वाले पुरुषों में हृदय रोग और मधुमेह जैसी संभावित घातक बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। शोध में पाया गया कि कम शुक्राणुओं की संख्या वाले लोगों में उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और शरीर में अधिक फैट का प्रतिशत 20 अधिक है।
इटली के ब्रेशिया विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक अल्बटरे फेरलिन के मुताबिक, “हमारा अध्ययन स्पष्ट रूप से बताता है कि पुरुषों में स्पर्म की कमी मेटाबॉलिक परिवर्तन, हृदय जोखिम और हड्डी के द्रव्यमान में कमी से जुड़ा हुआ है। इसके लिए शोधकर्ताओं ने बांझ दंपतियों के 5,177 पुरुषों पर यह अध्ययन किया।
एक अध्ययन में पाया गया कि वैश्विक रूप में हाल के वर्षों में स्पर्म की संख्या और क्वालिटी में गिरावट हुई है। इसको देखते हुए कई वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है, यह मानव जाति के भविष्य के लिए बड़ी समस्याओं का चेतावनी संकेत हो सकता है। इसके लिए जेनेटिक और बिगड़ती लाइफस्टाइल को जिम्मेदार बताया गया है।
पुरुषों में हार्मोनल या ऑटोइम्यून ऑटोइम्यून एबनॉर्मिलिटी हैं जो शुक्राणु उत्पादन में बाधा देती हैं या शुक्राणु को नष्ट करती हैं। इसके अलावा तनाव, शराब और मोटापा जैसे कारक भी प्रजनन क्षमता को प्रभावित करते हैं।
जंक फूड शब्द का अर्थ उस भोजन से है, जो आपके शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होता है। इसमें पोषण की कमी होती है और शरीर के तंत्र के लिए नुकसानदेह होता है। उसी तरह शुगर भी आपके शरीर के लिए नुकसानदेह है।
जंक फूड, कैफीन, शुगर और प्रोसेस्ड फूड यह कुछ ऐसी चीजें है जिसकी वजह से आपका स्पर्म काउंट घट सकता है। इसलिए इसका सेवन बहुत ही कम कर दीजिए। इसके अलावा जंक फूड खाने से दिल के रोगों का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि जंक फूड में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसेराइड प्रचुर मात्रा में होता है।
शराब और सिगरेट की लत ऐसी है कि अच्छे अच्छों का घर और शरीर को तबाह हो जाता है। एक बार अगर नशे की लत लग गई तो इससे पीछा छुड़ाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।
यदि स्पर्म बढ़ाने के उपाय के बारे में आप सोच रहे हैं तो आपको सबसे पहले सिगरेट और अल्कोहल जैसी बुरी आदतों छुटकारा पाना होगा। यह न केवल आपके लिवर और फेफड़े को बर्बाद करते हैं बल्कि आपने प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित करते हैं।
विटामिन और मिनरल से भरपूर पौष्टिक आहार आपके स्पर्म बढ़ाने के उपाय में एक बेहतरी उपाय है। इसके लिए आप अपने आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां तथा फलों को शामिल कीजिए। इसके अलावा ड्राई फ्रूट भी इसमें योगदान दे सकता है।
विटामिन डी, विटामिन सी और विटामिन ई जैसे कुछ प्रकार के विटामिन, हेल्दी स्पर्म के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा ओमेगा -3 फैटी एसिड में समृद्ध हैं जो स्वस्थ पुरुष प्रजनन के लिए आवश्यक हैं। स्पर्म बढ़ाने वाले आहार
यदि आपका वजन ज्यादा है तो इसे कम करने की कोशिश कीजिए। स्पर्म काउंट बढ़ाने के उपायों में यह बहुत ही असरदार उपाय है।
अध्ययनों से पता चला है कि वजन घटाने से वीर्य या सीमेन की मात्रा, एकाग्रता और गतिशीलता के साथ ही साथ स्पर्म की समग्र स्वास्थ्य में वृद्धि हो सकती है।
अगर पूरे दिन सक्रिय रहते हैं तो इससे आपको स्पर्म बढ़ाने में मदद मिलेगी। स्वस्थ जीवनशैली और व्यायाम करने से आपके शुक्राणुओं या स्पर्म को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। एक अध्ययन में पाया गया कि आउटडोर एक्सरसाइज शुक्राणु के स्वास्थ्य में मदद कर सकता है।
इसके अलावा रसायन और बाजीकरण औषधियों का उपयोग लाभकारी हैं। यदिरोगी पंचकर्म से शोधन करके चिकित्सा कार्य करे तो लाभकारी होता हैं।